
नैनीताल, 24 जून 2025: देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 25 जून से तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर रहेंगे। वे अपने इस प्रवास के दौरान नैनीताल स्थित कुमाऊं विश्वविद्यालय की स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह में हिस्सा लेंगे। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति विभिन्न शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे। प्रशासन ने उनकी यात्रा को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं।
कुमाऊं विश्वविद्यालय समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में होंगे शामिल
उपराष्ट्रपति धनखड़ कुमाऊं विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। वे विश्वविद्यालय की फैकल्टी के साथ संवाद करेंगे तथा संस्था की अब तक की उपलब्धियों एवं भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करेंगे। कार्यक्रम में वे शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए विद्यार्थियों और शिक्षकों को भी संबोधित करेंगे।
इसके साथ ही, वे प्रसिद्ध शेरवुड कॉलेज में विद्यार्थियों को प्रेरणादायक भाषण देंगे, जहां वे शिक्षा और राष्ट्र निर्माण से जुड़े विषयों पर अपने विचार साझा करेंगे।
सुरक्षा के लिए 400 से अधिक जवान तैनात
उपराष्ट्रपति के आगमन को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने कड़े प्रबंध किए हैं। आईजी नीलेश आनंद भरणे ने जानकारी दी कि 400 से अधिक पुलिसकर्मियों के साथ तीन कंपनियां पीएसी, एक कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स, खुफिया एजेंसियां, एटीएस और ड्रोन निगरानी की व्यवस्था की गई है। संवेदनशील स्थानों की पहचान कर वहां अतिरिक्त बल की तैनाती की गई है।
साथ ही सुरक्षा रिहर्सल भी किए जा रहे हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।
यातायात और स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चाक-चौबंद
प्रशासन ने यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए विशेष योजना तैयार की है। कुछ मार्गों पर वाहनों की आवाजाही सीमित की जाएगी और वैकल्पिक रास्तों का उपयोग किया जाएगा। उपराष्ट्रपति के ठहराव और कार्यक्रम स्थलों पर विशेष सुरक्षा और सुविधा व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
स्वास्थ्य विभाग ने भी सतर्कता बरती है। सीएमओ डॉ. हरीश चंद्र पंत के अनुसार, एक चिकित्सक दल हर समय उपराष्ट्रपति के साथ रहेगा। बीडी पांडे, सुशीला तिवारी और सोबन सिंह जीना अस्पतालों को “सेफ हाउस” घोषित किया गया है। हल्द्वानी के निजी अस्पताल भी स्टैंडबाय पर रखे गए हैं।
प्रशासनिक बैठक में बनी रणनीति
सोमवार को सुरक्षा एवं प्रोटोकॉल को लेकर प्रशासनिक बैठक आयोजित की गई, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों ने कार्यक्रम की बारीकियों पर चर्चा कर निर्देश जारी किए। इस दौरे को उत्तराखंड की छवि के लिए महत्वपूर्ण अवसर माना जा रहा है।
उपराष्ट्रपति का यह दौरा शैक्षणिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक दृष्टि से राज्य के लिए गौरव का विषय है, जिसे सफल बनाने में प्रशासन पूरी तरह जुटा हुआ है।