पेपर लीक विवाद: मुख्यमंत्री धामी ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा — “आपसी समझ के बिना विरोध करना अजीब”
Chief Minister Dhami targeted the Congress, saying – “It is strange to protest without mutual understanding.”

देहरादून: उत्तराखंड में पेपर लीक मामले ने शिक्षा और राजनीति दोनों क्षेत्रों में हलचल मचा दी है। राज्य में स्नातक स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा के दौरान पेपर के तीन पेज कक्षा से बाहर आने के बाद युवाओं में आक्रोश फैल गया और उन्होंने बेरोजगार संघ के बैनर तले जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीधे युवाओं के बीच जाकर उन्हें आश्वासन दिया कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और आंदोलन को अस्थायी रूप से स्थगित करवा दिया।
कांग्रेस का प्रदर्शन और सीएम का तंज
हालांकि, कांग्रेस इस मुद्दे को फिर से सक्रिय कर रही है। हाल ही में पार्टी के नेता मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच कर हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। इस प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री धामी ने टिप्पणी करते हुए कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने यह विरोध शायद आपसी समझ या रणनीति के तहत नहीं किया। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि ऐसा होता, तो पार्टी पहले अपनी पॉलिसी स्पष्ट करती और फिर सरकार के खिलाफ विरोध करती।
सरकार की जांच प्रक्रिया और एसआईटी की भूमिका
सीएम ने यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने पहले ही पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच के लिए केंद्र को संस्तुति भेज दी है। फिलहाल एसआईटी जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में चल रही है और मामले की गहन जांच की जा रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी होगी, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
युवाओं का आक्रोश और सरकार का भरोसा
परीक्षा शुरू होने के आधे घंटे के भीतर ही पेपर के कुछ पेज बाहर आने से युवाओं में गहरी नाराजगी थी। उनका कहना था कि इस लीक ने उनकी मेहनत और भविष्य को प्रभावित किया है। इस पर मुख्यमंत्री धामी ने तत्काल कदम उठाते हुए युवाओं को भरोसा दिलाया कि उनकी आवाज सुनी जा रही है और उचित कार्रवाई की जाएगी।
राजनीतिक दबाव और सामाजिक प्रभाव
विशेषज्ञों का कहना है कि पेपर लीक जैसे मामले न केवल शिक्षा व्यवस्था पर असर डालते हैं, बल्कि बेरोजगार युवाओं में असंतोष भी बढ़ाते हैं। यही कारण है कि राजनीतिक दल इस मुद्दे को सक्रिय रूप से उठाकर इसे चुनावी और सामाजिक बहस का हिस्सा बना रहे हैं।
मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार शिक्षा व्यवस्था की सुरक्षा और युवाओं के भविष्य की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। चाहे राजनीतिक दबाव कितना भी बढ़े, जांच निष्पक्ष और समयबद्ध रूप से पूरी की जाएगी। उन्होंने सभी पक्षों से संयम बरतने और मामले को न्यायिक प्रक्रिया पर छोड़ने का आग्रह किया।
उत्तराखंड में पेपर लीक विवाद अब केवल परीक्षा का मुद्दा नहीं रहा, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक बहस का केंद्र बन गया है। मुख्यमंत्री धामी ने साफ कर दिया है कि सरकार किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी और न्याय सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।