उत्तराखंड: शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिए तैयारियां तेज, श्रद्धालुओं को मिलेगी 25% छूट
Uttarakhand: Preparations in full swing for winter Chardham Yatra, devotees will get 25% discount
देहरादून: उत्तराखंड सरकार चारधाम यात्रा की तरह ही शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने की योजना पर काम कर रही है। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि ठंड के मौसम में भी श्रद्धालु पर्वतीय क्षेत्रों के शीतकालीन गद्दीस्थलों पर भगवान के दर्शन के लिए आएं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में अधिकारियों के साथ बैठक कर शीतकालीन यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की और 2025 में होने वाली चारधाम यात्रा की योजना पर चर्चा की।
जीएमवीएन गेस्ट हाउस में 25% छूट का ऐलान
शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) के गेस्ट हाउस में श्रद्धालुओं को 25% किराये की छूट देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान केदारनाथ के दर्शन के साथ शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ किया।
शीतकालीन यात्रा के लिए खास तैयारियां
मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को यात्रा मार्गों पर सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं को मजबूत करने, सड़कों की मरम्मत जल्द पूरी करने और स्वच्छता व स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। इसके साथ ही राज्य के शीतकालीन पर्यटन स्थलों और हिडन डेस्टिनेशंस को भी बढ़ावा देने की योजना है।
चारधाम यात्रा 2025 की तैयारी
शीतकालीन यात्रा की तैयारियों के साथ ही राज्य सरकार ने 2025 में होने वाली चारधाम यात्रा की योजना पर भी काम शुरू कर दिया है। इसके तहत:
- यात्रा मार्ग पर गाड़ियों के लिए पार्किंग लॉट्स बनाए जाएंगे।
- श्रद्धालुओं की दैनिक क्षमता बढ़ाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा।
- यात्रा प्राधिकरण में हक-हकूकधारियों को शामिल किया जाएगा।
उत्तराखंड में पूरे साल यात्रा का लक्ष्य
शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार अब केवल ग्रीष्मकालीन यात्रा तक सीमित नहीं रहेगी। चारधाम के कपाट बंद होने के बाद भी उनकी डोली प्रवास स्थलों पर विराजमान रहती है, जहां नियमित पूजा-अर्चना होती है। शीतकालीन यात्रा न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक लाभ देगी, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के नए साधन भी उपलब्ध कराएगी।
शीतकालीन यात्रा में सावधानियां जरूरी
ठंड के मौसम में पर्वतीय क्षेत्रों की यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को विशेष सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है। डॉ. रविंद्र सिंह राणा के अनुसार, शुगर, हाई ब्लड प्रेशर और सांस संबंधी बीमारियों से ग्रसित लोगों को गर्म कपड़े, गर्म पानी, और दवाइयों का ध्यान रखना चाहिए।
चारधाम के शीतकालीन गद्दीस्थल
चारधाम के कपाट बंद होने के बाद, उनकी पूजा शीतकालीन गद्दीस्थलों पर की जाती है:
- केदारनाथ: ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर।
- बद्रीनाथ: पांडुकेश्वर में भगवान बद्री के दूत उद्धव की पूजा।
- यमुनोत्री: खरसाली (खुशीमठ)।
- गंगोत्री: मुखबा (मुखीमठ), हर्षिल के पास।
शीतकालीन यात्रा को सफल बनाने के लिए सरकार ने आपदा प्रबंधन, पुलिस, एसडीआरएफ, और अन्य विभागों को समन्वित रूप से काम करने के निर्देश दिए हैं। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से तैयार है।