
देहरादून: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 की प्रक्रिया पूरे जोरों पर है। हरिद्वार जिले को छोड़कर शेष 12 जिलों में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां चरम पर हैं। 28 जून को संशोधित अधिसूचना जारी होने के बाद नामांकन की प्रक्रिया 2 जुलाई से 5 जुलाई तक चली, जिसमें कुल 63,569 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया। खास बात यह रही कि इस बार महिला उम्मीदवारों की भागीदारी ऐतिहासिक रूप से अधिक रही है।
राज्य में पंचायत चुनाव के लिए घोषित कुल 66,418 पदों के सापेक्ष कुल नामांकन 63,569 हुए हैं। इनमें से 37,356 महिलाएं चुनावी मैदान में उतरी हैं, जो कि कुल नामांकन का करीब 59 प्रतिशत है। यह पहली बार हुआ है जब पंचायत चुनावों में महिलाओं की भागीदारी इतनी अधिक देखी गई है। यह स्थिति राज्य में महिला सशक्तिकरण और सामाजिक भागीदारी के क्षेत्र में एक सकारात्मक संकेत मानी जा रही है।
अनुसूचित वर्गों से भी उत्साहपूर्ण भागीदारी
पंचायती राज व्यवस्था में समान प्रतिनिधित्व की दिशा में एक और सराहनीय पहल यह रही कि समाज के वंचित वर्गों से भी उम्मीदवारों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया है। नामांकन दाखिल करने वालों में 2,401 अनुसूचित जनजाति, 11,208 अनुसूचित जाति, और 4,532 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित प्रत्याशी शामिल हैं। इससे स्पष्ट है कि चुनावों में सामाजिक विविधता को भी उचित प्रतिनिधित्व मिल रहा है।
आरक्षण और महिला भागीदारी
पंचायती राज विभाग ने इस बार आरक्षण नीति में बड़ा बदलाव करते हुए 50 प्रतिशत से अधिक पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए हैं। इस आरक्षण नीति का सीधा असर नामांकन प्रक्रिया पर भी दिखाई दिया। महिला उम्मीदवारों ने न केवल आरक्षित सीटों पर बल्कि सामान्य सीटों पर भी नामांकन किया, जिससे उनकी कुल हिस्सेदारी 59% तक पहुंच गई। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
पदवार नामांकन विवरण
यदि हम विभिन्न स्तरों के पदों की बात करें तो स्थिति कुछ इस प्रकार है:
जिला पंचायत सदस्य के 358 पदों के सापेक्ष 1,885 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है, जिनमें 931 महिलाएं शामिल हैं।
क्षेत्र पंचायत सदस्य के 2,974 पदों के लिए 11,478 उम्मीदवारों ने पर्चा भरा है, जिनमें 6,221 महिलाएं हैं।
ग्राम प्रधान के 7,499 पदों के लिए 21,912 उम्मीदवारों ने नामांकन किया, जिनमें 12,510 महिलाएं शामिल हैं।
ग्राम पंचायत सदस्य के 55,587 पदों पर 28,294 नामांकन हुए हैं, जिनमें से 17,694 महिला उम्मीदवार हैं।
यह आंकड़े दर्शाते हैं कि महिलाओं ने सभी स्तरों पर सक्रिय भागीदारी दिखाई है, चाहे वह जिला पंचायत हो, क्षेत्र पंचायत हो या ग्राम पंचायत।
आगे की प्रक्रिया
नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब नामांकन पत्रों की जांच का कार्य चल रहा है, जो तय कार्यक्रम के अनुसार जून तक पूरा किया जाएगा। उसके बाद योग्य उम्मीदवारों की सूची जारी की जाएगी और चुनाव प्रचार की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
लोकतंत्र में महिलाओं की मज़बूत उपस्थिति
उत्तराखंड में इस बार के पंचायत चुनाव सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद खास माने जा रहे हैं। महिला उम्मीदवारों की ऐतिहासिक भागीदारी ने न केवल लोकतंत्र को मज़बूती दी है, बल्कि यह राज्य में महिलाओं की नेतृत्व क्षमता और बदलते सामाजिक दृष्टिकोण का भी परिचायक है। आने वाले दिनों में यह देखने लायक होगा कि इतनी बड़ी संख्या में चुनावी मैदान में उतरी महिलाएं किस प्रकार ग्राम विकास और नीति निर्माण में अपनी भूमिका निभाती हैं।