उत्तराखंड: आईटीआई भवनों में गुणवत्ताहीन निर्माण पर यूपी राजकीय निर्माण निगम को नोटिस, सख्त कार्रवाई के निर्देश
Uttarakhand: Notice to UP State Construction Corporation on poor quality construction in ITI buildings, instructions for strict action
देहरादून: उत्तराखंड में आईटीआई भवनों के निर्माण कार्यों में गुणवत्ता की कमी को लेकर उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने गुणवत्ताहीन निर्माण कार्यों पर नाराजगी जताते हुए संबंधित एजेंसी को भुगतान वापसी का नोटिस जारी करने और अनुपालन न करने पर प्राथमिकी दर्ज कराने के सख्त निर्देश दिए।
गुणवत्ताहीन निर्माण पर सख्त रुख:
प्रदेश में कई आईटीआई भवन निर्माण के अधूरे और गुणवत्ताहीन होने की शिकायतों के चलते सरकार ने निर्माण एजेंसी पर सख्ती बरतने का निर्णय लिया है। मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि आईटीआई भवनों के निर्माण में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पेयजल निगम को विशेष निर्देश:
मुख्य सचिव ने पेयजल निगम को निर्माण कार्यों में दीर्घकालिक दृष्टिकोण और समग्र योजना के साथ काम करने की सख्त हिदायत दी। सुरक्षा निर्माण के अलावा, ड्रेनेज सिस्टम और बाउंड्री वॉल के निर्माण पर भी विशेष ध्यान देने को कहा गया।
आईटीआई नारसन प्रोजेक्ट को मंजूरी:
सचिवालय में व्यय वित्त समिति की बैठक में आईटीआई नारसन में सुरक्षा निर्माण कार्यों के लिए ₹187.30 लाख के प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी गई। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि इस प्रोजेक्ट का तकनीकी परीक्षण 10 दिनों के भीतर सिंचाई विभाग से करवाया जाए और मानसून से पहले निर्माण कार्य पूरा करने की कोशिश की जाए।
समयबद्धता और गुणवत्ता पर जोर:
मुख्य सचिव ने निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए अफसरों को सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं की सुरक्षा सर्वोपरि है, और निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष:
आईटीआई भवन निर्माण में लापरवाही और गुणवत्ताहीन कार्यों को लेकर सरकार का सख्त रुख न केवल निर्माण एजेंसियों के प्रति जिम्मेदारी सुनिश्चित करेगा बल्कि छात्रों के लिए सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण आधारभूत ढांचा उपलब्ध कराने की दिशा में भी अहम कदम होगा।