उत्तराखंड

उत्तराखंड को जैविक और ग्रामीण पर्यटन का हब बनाने की जरूरत: धर्मेंद्र मलिक

Uttarakhand needs to be made a hub of organic and rural tourism: Dharmendra Malik

देहरादून में आयोजित भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) की बैठक के दौरान राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति और जलवायु इसे जैविक खेती और ग्रामीण पर्यटन के लिए एक आदर्श राज्य बनाते हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उचित योजना और संसाधन प्रदान करे, तो किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।

छोटे खेत, भूस्खलन और मशीनीकरण की कमी बनी किसानों के लिए चुनौती

मलिक ने बताया कि उत्तराखंड में खेती करना आसान नहीं है। छोटे-छोटे खेतों के कारण मशीनीकरण संभव नहीं हो पाता, और भूस्खलन एवं मिट्टी कटाव जैसी समस्याओं से किसानों को हर साल नुकसान झेलना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं का समाधान खोजे बिना कृषि को लाभकारी नहीं बनाया जा सकता।

जैविक बोर्ड का गठन और ब्रांडिंग से मिलेगा किसानों को सीधा लाभ

बैठक में मलिक ने सुझाव दिया कि सरकार को उत्तराखंड में ‘जैविक बोर्ड’ का गठन करना चाहिए, जो राज्य के जैविक उत्पादों की प्रमाणिकता और ब्रांडिंग का कार्य करे। उन्होंने कहा कि आज लोग गुणवत्तापूर्ण भोजन के लिए अधिक कीमत देने को तैयार हैं, लेकिन इसके लिए गुणवत्ता की गारंटी जरूरी है।

बेमौसम ताजी सब्जियों के लिए बड़े बाजारों की जरूरत

धर्मेंद्र मलिक ने यह भी बताया कि उत्तराखंड में बेमौसम सब्जियों का उत्पादन होता है, जो ताजी और गुणवत्तायुक्त होती हैं। उन्होंने कहा कि इन उत्पादों के लिए देश और विदेश में बड़े बाजार तलाशने की जरूरत है। सरकार यदि पैकिंग, ब्रांडिंग और परिवहन की सुविधाएं गांव स्तर पर उपलब्ध कराए, तो यह सब्जियां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकती हैं।

चौधरी अजेंद्र सिंह बने देहरादून के नए जिलाध्यक्ष

बैठक के दौरान सर्वसम्मति से चौधरी अजेंद्र सिंह को भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) देहरादून का नया जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस मौके पर संगठन के कई वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

सैकड़ों किसानों की सहभागिता, संगठन को मजबूत करने पर चर्चा

इस बैठक में सैकड़ों किसान शामिल हुए, जिनमें ठाकुर सतीश, अकरम भाई, सोनू चौधरी, शमीम अंसारी, विनय कुमार, अशोक कुमार, प्रवीण चौधरी, निखिल चौधरी, जगबीर सिंह, प्रिंस कुमार, अश्विनी कुमार, यशपाल चौधरी और सुखबीर सिंह जैसे प्रमुख नाम शामिल थे। सभी ने संगठन को मजबूत बनाने और किसानों की आवाज बुलंद करने पर जोर दिया।

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