उत्तराखंड

उत्तराखंड में रहस्यमयी वायरल बुखार का कहर: 15 दिन में 10 मौतें, अल्मोड़ा और हरिद्वार में स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर

Mysterious viral fever wreaks havoc in Uttarakhand, 10 deaths in 15 days, health departments on high alert in Almora and Haridwar

देहरादून/अल्मोड़ा: उत्तराखंड में एक रहस्यमयी वायरल बुखार ने स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन की नींद उड़ा दी है। बीते 15 दिनों में अल्मोड़ा और हरिद्वार जिलों में 10 लोगों की मौत इस बीमारी के गंभीर प्रभाव को दिखा रही है। शुरुआती लक्षण डेंगू और वायरल फीवर से मिलते-जुलते हैं, लेकिन बीमारी का वास्तविक कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।

राज्य स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने अल्मोड़ा और हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO) को तुरंत जांच और रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें प्रभावित इलाकों में जाकर रक्त, जल और पर्यावरणीय नमूने एकत्र कर रही हैं, ताकि संक्रमण के स्रोत और प्रकार का पता लगाया जा सके।

अल्मोड़ा और हरिद्वार में बढ़ते मामले

अल्मोड़ा जिले के धौलादेवी ब्लॉक में पिछले दो हफ्तों में 7 मौतें हुई हैं। प्रभावित गांवों में बिबड़ी, खेती, नैनी बजेला और जागेश्वर शामिल हैं। हरिद्वार के रुड़की क्षेत्र में तीन लोगों की मृत्यु हुई है।

मरीजों में तेज बुखार, सिर दर्द, प्लेटलेट्स की तेजी से गिरावट, कमजोरी और सांस लेने में कठिनाई जैसी शिकायतें देखी गई हैं। कई मरीजों को गंभीर हालत में देहरादून या हल्द्वानी रेफर करना पड़ा। स्थानीय आशा कार्यकर्ता हंसी भट्ट समेत कई लोगों की मौत ने गांवों में भय का माहौल बना दिया है।

टूटी सड़कों ने बढ़ाई मुश्किलें

धौलादेवी क्षेत्र में स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। मुख्य सड़क पिछले एक महीने से क्षतिग्रस्त है। कई मरीजों को खच्चरों या पैदल रास्तों से अस्पताल ले जाना पड़ता है, जिससे इलाज में देरी होती है और जानलेवा स्थितियां पैदा हो रही हैं।

स्वास्थ्य विभाग की सक्रिय जांच

अल्मोड़ा और हरिद्वार में विशेष जांच टीमें गठित की गई हैं। टीमों को निर्देश दिए गए हैं कि मरीजों का इलाज करने के साथ-साथ जल और रक्त के नमूने लेकर जांच करें कि संक्रमण जलजनित है या मच्छरजनित। दोनों जिलों में घर-घर स्क्रीनिंग अभियान भी चलाया जा रहा है।

जनता के लिए चेतावनी और सुझाव

स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि घबराएं नहीं, लेकिन सतर्क रहें। तेज बुखार, कमजोरी, प्लेटलेट्स में गिरावट या शरीर में दर्द महसूस होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। अधिकारियों ने साफ-सफाई, मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट करना और उबला या फिल्टर किया हुआ पानी पीने की सलाह दी है।

डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि नैनीताल और दिल्ली की प्रयोगशालाओं में भेजे गए सैंपलों की रिपोर्ट आने के बाद ही बीमारी की प्रकृति स्पष्ट होगी। प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है और अफवाह फैलाने से बचने की अपील की गई है।

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