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उत्तराखंड में 12 साल से लोकायुक्त का इंतजार, चयन समिति पर अटका मामला

Uttarakhand has been waiting for Lokayukta for 12 years, the matter is stuck on the selection committee

लोकायुक्त गठन की प्रक्रिया फिर से तेज

उत्तराखंड में लोकायुक्त के गठन का मामला बीते 12 वर्षों से अटका हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में लोकायुक्त समिति की बैठक ली, जिसमें चयन समिति के सदस्यों को लेकर चर्चा हुई। अब अगली बैठक मार्च में प्रस्तावित है, जिसमें अधिकारियों के लिए पैनल तैयार किया जाएगा। राज्य में लोकायुक्त पद के लिए योग्यता तय करने के साथ-साथ सर्च कमेटी के गठन पर भी विचार किया जा रहा है।

अन्ना आंदोलन के बाद राष्ट्रीय स्तर पर लोकपाल का मुद्दा छाया

2011 में अन्ना हजारे के नेतृत्व में हुए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद देशभर में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त गठन की मांग जोर पकड़ने लगी। उस समय केंद्र की यूपीए सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे, जिससे पूरे देश में आक्रोश का माहौल बन गया। इस आंदोलन के बाद लोकपाल अधिनियम पास हुआ और कई राज्यों में लोकायुक्त लाने की प्रक्रिया शुरू हुई।

खंडूड़ी सरकार में मजबूत लोकायुक्त की कवायद

उत्तराखंड में पहली बार लोकायुक्त को सशक्त बनाने की पहल तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने 2012 में की थी। उनकी सरकार ने मजबूत लोकायुक्त विधेयक पारित कर राष्ट्रपति से इसकी मंजूरी भी ले ली थी। हालांकि, विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद कांग्रेस सत्ता में आ गई, जिससे इस पर आगे कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

2014 में संशोधन के बाद भी अटका मामला

साल 2014 में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बीजेपी सरकार द्वारा लाए गए लोकायुक्त विधेयक में संशोधन कर इसे पास करवाया और राजभवन भेजा। लेकिन कुछ आपत्तियों के चलते फाइल सरकार को वापस भेज दी गई, और तब से यह मामला राजनीतिक बैठकों में उलझा हुआ है।

2002 से संचालित लोकायुक्त कार्यालय, लेकिन बिना किसी प्रमुख के

उत्तराखंड में 2002 में लोकायुक्त का गठन हुआ था, और दो लोकायुक्तों ने अपनी जिम्मेदारी भी निभाई। लेकिन 2012 के बाद से मजबूत लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हो पाई है। वर्तमान में लोकायुक्त कार्यालय तो चालू है, लेकिन प्रमुख के अभाव में शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

कांग्रेस ने साधा सरकार पर निशाना

कांग्रेस का कहना है कि जब यूपीए सरकार थी, तब अन्ना हजारे समेत कई लोगों ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आवाज उठाई थी, लेकिन अब कोई भी इस विषय पर चर्चा करने को तैयार नहीं है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा का कहना है कि हाल ही में आई CAG रिपोर्ट में भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं, जिससे स्पष्ट है कि लोकायुक्त की जरूरत और भी ज्यादा बढ़ गई है।

बीजेपी ने दिया भरोसा, जल्द होगा लोकायुक्त का गठन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद लोकायुक्त गठन की उम्मीद फिर से जगी है। बीजेपी प्रवक्ता खजान दास ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए हुए हैं और जल्द ही लोकायुक्त के गठन की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।

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