
देहरादून, 28 फरवरी 2025: उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा हो गया। इस हिमस्खलन की चपेट में आकर 57 मजदूर दब गए, जिनमें से अब तक 16 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। बाकी फंसे हुए मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
रेस्क्यू अभियान में ITBP, NDRF और SDRF की टीमें तैनात
चमोली के जिला अधिकारी (DM) संदीप तिवारी ने जानकारी दी कि राहत और बचाव कार्य में ITBP (इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस), NDRF (नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स) और SDRF (स्टेट डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स) की टीमें लगातार जुटी हुई हैं। उन्होंने बताया कि खराब मौसम के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं, जिससे हेली सेवाओं का उपयोग नहीं किया जा पा रहा है।
डीएम संदीप तिवारी ने बताया कि बचाव अभियान में संचार बाधाएं भी सामने आ रही हैं क्योंकि मौके पर सेटेलाइट फोन या अन्य संचार उपकरण उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि, उन्होंने अब तक किसी मजदूर की मौत की पुष्टि नहीं की है और जल्द ही सभी को सुरक्षित निकालने का भरोसा दिलाया है।
मौके पर मौजूद सुरक्षा और राहत एजेंसियां
घटनास्थल पर बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन), आईटीबीपी और गढ़वाल स्काउट्स की टीमें भी राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं। सभी मजदूर एक निजी प्रोजेक्ट के लिए कार्य कर रहे थे और ग्लेशियर टूटने के कारण इस आपदा का शिकार हो गए।
उत्तराखंड में खराब मौसम बना चुनौती
उत्तराखंड में पिछले दो-तीन दिनों से लगातार बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो रही है। इस खराब मौसम के कारण यातायात और संचार सेवाएं प्रभावित हो गई हैं। मौसम की प्रतिकूलता के कारण बचाव कार्यों में भी कठिनाइयां आ रही हैं।
सरकार और प्रशासन की नजर, उच्च अधिकारियों से मदद का आश्वासन
चमोली डीएम ने कहा कि उच्च अधिकारियों से मदद को लेकर आश्वासन मिला है और राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। प्रशासन की कोशिश है कि जल्द से जल्द सभी मजदूरों को सुरक्षित निकाला जाए और इस आपदा से निपटा जाए।
निष्कर्ष
माणा गांव में हिमस्खलन के बाद बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। खराब मौसम और संचार सुविधाओं की बाधाओं के बावजूद, रेस्क्यू टीमें लगातार प्रयासरत हैं। प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां पूरी कोशिश कर रही हैं कि जल्द से जल्द सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाए और स्थिति पर काबू पाया जाए।