अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का वैश्विक व्यापार पर बड़ा कदम. 14 देशों पर भारी टैरिफ, भारत के साथ व्यापार समझौते की संभावना
US President Trump's big move on global trade, Heavy tariffs on 14 countries, possibility of trade agreement with India

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार जगत में हलचल मचा दी है। उन्होंने घोषणा की है कि अमेरिका 14 देशों पर भारी टैरिफ लागू करेगा, जिसकी शुरुआत 1 अगस्त से होगी। इस निर्णय का उद्देश्य अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करना और घरेलू उद्योगों को मजबूती देना है। वहीं, भारत के साथ व्यापार समझौते की उम्मीदें भी जगाई गई हैं।
कई देशों पर 25% से 40% तक टैरिफ
राष्ट्रपति ट्रंप ने जिन देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, उनमें म्यांमार और लाओस को 40%, थाईलैंड और कंबोडिया को 36%, बांग्लादेश और सर्बिया को 35%, इंडोनेशिया को 32%, दक्षिण अफ्रीका और बोस्निया को 30%, और ट्यूनीशिया, जापान व दक्षिण कोरिया को 25% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। इन टैरिफ का मकसद इन देशों के साथ व्यापार संतुलन बनाना और अमेरिका के औद्योगिक हितों की रक्षा करना है।
भारत के साथ रिश्तों में नरमी के संकेत
हालांकि ट्रंप का रुख भारत के प्रति अपेक्षाकृत लचीला दिखाई दिया। व्हाइट हाउस में इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बैठक के बाद उन्होंने प्रेस को बताया कि अमेरिका और भारत व्यापार समझौते के बेहद करीब हैं। ट्रंप ने कहा, “हम भारत से बातचीत कर रहे हैं और मुझे विश्वास है कि हम सकारात्मक नतीजे तक पहुंचेंगे।”
समझौते का विकल्प खुला, 1 अगस्त अंतिम तिथि
ट्रंप प्रशासन ने इन 14 देशों को 90 दिनों की समयसीमा दी थी, जो 9 जुलाई को समाप्त हो रही थी। इसे अब 1 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इस अवधि में यदि देश अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के लिए आगे आते हैं, तो टैरिफ से राहत संभव है। प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने यह जानकारी साझा की।
राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव
ट्रंप का यह फैसला अमेरिकी राजनीति और वैश्विक व्यापार दोनों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। अमेरिकी चुनावों के मद्देनजर यह कदम घरेलू उद्योगों को साधने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं, जिन देशों की अर्थव्यवस्था अमेरिकी बाजारों पर निर्भर है, उन्हें इस फैसले से आर्थिक झटका लग सकता है।
‘ट्रुथ सोशल’ पर दी जानकारी
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर इन देशों को भेजे गए पत्र साझा करते हुए बताया कि यह निर्णय एक “न्यायसंगत और पारस्परिक व्यापार” व्यवस्था स्थापित करने की दिशा में उठाया गया कदम है।
अब देखने वाली बात होगी कि कितने देश 1 अगस्त से पहले अमेरिका से समझौता करते हैं और कौन इस टैरिफ का सामना करने को तैयार होते हैं।