उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में अभूतपूर्व उत्साह, केदारनाथ में टूटा रिकॉर्ड, सुरक्षा और सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम
Unprecedented enthusiasm for the Char Dham Yatra in Uttarakhand, record broken in Kedarnath, strong security and facilities arrangements

देहरादून: उत्तराखंड में इस वर्ष चारधाम यात्रा ने सभी पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। मानसून की विदाई के बाद जहां ठंडक बढ़ी है, वहीं श्रद्धालुओं का जोश और आस्था भी चरम पर है। पर्वतीय इलाकों में बारिश और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के बावजूद श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ रही है। खासकर केदारनाथ धाम में तो इस बार भक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है।
केदारनाथ में टूटा पिछले साल का रिकॉर्ड
इस साल केदारनाथ यात्रा ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। अब तक करीब 16 लाख 56 हजार श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं, जो कि पिछले वर्ष दर्ज किए गए 16 लाख 52 हजार 76 श्रद्धालुओं से अधिक है। खास बात यह है कि अभी धाम के कपाट बंद होने में लगभग 15 दिन शेष हैं। प्रशासन का अनुमान है कि यह आंकड़ा 17 लाख को भी पार कर सकता है।
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और व्यवस्थाएं
8 अक्टूबर तक केवल एक दिन में 5614 श्रद्धालुओं ने केदारनाथ के दर्शन किए। 23 अक्टूबर को भैयादूज के दिन कपाट बंद होंगे। इसके अलावा बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में भी यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। शासन और प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई नए इंतजाम किए हैं।
सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के पुख्ता इंतजाम
यात्रा मार्गों पर पुलिस और आपदा राहत बल के जवान तैनात हैं। संवेदनशील स्थानों पर भूस्खलन से निपटने के लिए जेसीबी मशीनें रखी गई हैं। वहीं, मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए विशेष यातायात योजना लागू की गई है।
मुख्यमंत्री धामी का सुरक्षा पर जोर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा से जुड़े सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता रहे। उन्होंने कहा कि सभी मार्गों पर चिकित्सा सुविधाएं, यात्री आश्रय स्थल और निगरानी व्यवस्था मजबूत रखी जाए ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत राहत दी जा सके।
प्रशासन की अपील: सतर्क रहें, मौसम पर नजर रखें
प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे खराब मौसम में यात्रा न करें और सुरक्षित स्थानों पर ही रुकें। अधिकारी लगातार मार्गों की निगरानी कर रहे हैं और मौसम की जानकारी यात्रियों तक पहुंचा रहे हैं ताकि कोई अनहोनी न हो।
आस्था और सुरक्षा का संगम
चारधाम यात्रा 2025 में श्रद्धालुओं का जोश, प्रशासन की तैयारी और प्राकृतिक चुनौतियों के बीच एक सुंदर संतुलन देखने को मिल रहा है। रिकॉर्ड तोड़ यात्रियों की संख्या यह दर्शाती है कि उत्तराखंड अब केवल देवभूमि ही नहीं, बल्कि श्रद्धा और विश्वास की भूमि बन चुका है।