
देहरादून, 18 मई — उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के शुरू होते ही गढ़वाल क्षेत्र में पर्यटकों की भीड़ बढ़ने लगी है। इसी कड़ी में प्रसिद्ध फूलों की घाटी का ट्रैकिंग सीजन 1 जून से शुरू होने जा रहा है। प्राकृतिक सुंदरता और रंग-बिरंगे फूलों से भरी यह घाटी हर साल सैकड़ों ट्रैकिंग प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इस बार यात्रा को और भी आसान बनाने के लिए उत्तराखंड फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू की है।
ऑनलाइन पंजीकरण से यात्रा होगी सुविधाजनक
अब पर्यटक घर बैठे https://valleyofflower.uk.gov.in वेबसाइट के जरिए अपनी यात्रा का रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इससे पूर्व की ऑफलाइन पंजीकरण की कठनाइयों से निजात मिलेगी और लोग यात्रा की योजना पहले से बेहतर तरीके से बना सकेंगे। वेबसाइट पर मौसम, ट्रैक मार्ग की स्थिति और अन्य जरूरी जानकारियां भी उपलब्ध होंगी, जिससे यात्रियों को सहूलियत होगी।
प्रशासनिक तैयारियां पूरी, सुविधाओं का निरीक्षण जारी
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के डीएफओ तरुण के अनुसार, विभाग की टीम घाटी के हर हिस्से का निरीक्षण कर रही है। ट्रैक मार्ग, पेयजल, सुरक्षा व्यवस्था और स्वास्थ्य सुविधाओं की जांच हो चुकी है। टूटी हुई सड़कों की मरम्मत का कार्य पूरा कर लिया गया है। कुछ दिन पहले ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल भी जारी कर दिया जाएगा।
प्रवेश शुल्क और ठहरने की व्यवस्था
फूलों की घाटी में भारतीय पर्यटकों से 200 रुपये और विदेशी पर्यटकों से 800 रुपये प्रवेश शुल्क लिया जाएगा। यह शुल्क ऑनलाइन भरा जा सकेगा। घांघरिया क्षेत्र में वन और पर्यटन विभाग के द्वारा होमस्टे, गेस्ट हाउस जैसी ठहरने की सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां से घाटी तक करीब 4 किलोमीटर पैदल मार्ग है।
प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व
फूलों की घाटी अपने अनगिनत रंग-बिरंगे फूलों जैसे ब्लू पॉपी, ब्रह्मकमल, प्रिमुला और मार्श मरीगोल्ड के लिए प्रसिद्ध है। यह घाटी 1931 में ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक एस स्मिथ द्वारा खोजी गई थी और 2005 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा मिला। 2013 की आपदा के बाद घाटी को पुनः संवारा गया है।
प्राकृतिक सुंदरता, साहसिकता और जैव विविधता के मेल से सजी यह घाटी ट्रैकिंग प्रेमियों के लिए हर साल एक अनूठा अनुभव लेकर आती है। इस बार ऑनलाइन पंजीकरण से यह अनुभव और भी सुगम होने वाला है।