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ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर देहरादून में निकली तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा

Tiranga Shaurya Samman Yatra started in Dehradun on the success of Operation Sindoor

देहरादून: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की। भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के संयुक्त प्रयास से इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया गया। इस ऐतिहासिक अभियान की सफलता के उपलक्ष्य में देशभर में तिरंगा शौर्य सम्मान यात्राएं निकाली जा रही हैं।

देहरादून में तिरंगे के साथ उमड़ा जनसैलाब

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी सोमवार को एक भव्य तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा का आयोजन किया गया। इस यात्रा का नेतृत्व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया। यात्रा का शुभारंभ चीड़बाग स्थित शौर्य स्थल से हुआ और यह गांधी पार्क तक गई। यात्रा में हजारों की संख्या में नागरिकों, पूर्व सैनिकों, युवाओं, महिलाओं और छात्रों ने भाग लिया।

भारत माता की जय के नारों से गूंजा शहर

यात्रा के दौरान प्रतिभागियों के हाथों में तिरंगे थे और वातावरण ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम्’ जैसे नारों से गूंज उठा। मुख्यमंत्री धामी ने यात्रा की शुरुआत से पहले शौर्य स्थल पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ऑपरेशन में भाग लेने वाले सभी सुरक्षाबलों को नमन किया।

मुख्यमंत्री का संदेश: अब भारत बदल चुका है

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की रणनीतिक क्षमता और सैन्य पराक्रम का उदाहरण है। उन्होंने कहा, “अब भारत हर आतंकी कार्रवाई का जवाब उसी की भाषा में देने में सक्षम है।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि भारत अब आत्मनिर्भर और आधुनिक तकनीक से सुसज्जित राष्ट्र बन चुका है।

उत्तराखंड को बताया वीरों की भूमि

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सदैव से वीरों की भूमि रहा है। यहां का हर घर देशसेवा से जुड़ा है। उन्होंने युवाओं से राष्ट्रसेवा की प्रेरणा लेने का आह्वान किया। साथ ही यह प्रस्ताव भी रखा कि तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा को प्रतिवर्ष आयोजित किया जाए, ताकि नई पीढ़ी को देशभक्ति और बलिदान का संदेश मिलता रहे।

राष्ट्रवाद का प्रतीक बनी यात्रा

यह यात्रा केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि राष्ट्रवाद, एकता और संकल्प का प्रतीक बनकर उभरी। इसने स्पष्ट किया कि नया भारत आतंकवाद को सहने वाला नहीं, बल्कि उसका समूल नाश करने वाला राष्ट्र है।

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