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कैंची धाम में इस बार भव्य होगा स्थापना दिवस, लाखों श्रद्धालुओं के जुटने की उम्मीद

This time the foundation day will be grand at Kainchi Dham, lakhs of devotees are expected to gather

अखंड हनुमान चालीसा का पाठ शुरू, मालपुए के प्रसाद की हो रही विशेष तैयारी

नैनीताल जिले के प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल बाबा नीम करौली महाराज के कैंची धाम में इस वर्ष स्थापना दिवस विशेष भव्यता के साथ मनाया जाएगा। हर साल की तरह इस बार भी 15 जून को आयोजित होने वाले इस महोत्सव की तैयारियां ज़ोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं। मंदिर परिसर में अखंड हनुमान चालीसा का पाठ प्रारंभ कर दिया गया है, जो 15 जून तक प्रतिदिन सुबह और शाम संपन्न होगा।

मंदिर समिति के उपाध्यक्ष भुवन बिष्ट ने जानकारी दी कि इस बार कार्यक्रम में तीन से चार लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। श्रद्धालुओं के लिए विशेष रूप से तैयार किया जाने वाला मालपुए का प्रसाद प्रमुख आकर्षण होगा, जिसकी तैयारियां मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्रों में तेजी से की जा रही हैं।

प्रसाद के लिए 50 रसोइयों की टीम, पारंपरिक तरीके से होगा भोजन तैयार

भुवन बिष्ट ने बताया कि प्रसाद निर्माण के लिए लगभग 50 कुशल रसोइयों की टीम तैयार की गई है। ये रसोइये पारंपरिक विधि से प्रसाद बनाएंगे, जिसके लिए हजारों किलो आटा, दूध, घी, चीनी और सूखे मेवे एकत्रित किए जा रहे हैं। श्रद्धालुओं को सुचारू रूप से प्रसाद वितरण के लिए लाइन व्यवस्था, बैरिकेडिंग और मार्ग निर्धारण का कार्य प्रशासन द्वारा किया जा रहा है।

पूजा, भजन-कीर्तन और आकर्षक सजावट

स्थापना दिवस के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना, हवन और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाएगा। मंदिर परिसर को फूलों, पारंपरिक तोरणों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को एक आध्यात्मिक और भक्ति-भाव से ओतप्रोत वातावरण प्राप्त हो सके।

प्रशासन के विशेष इंतजाम, देश-विदेश से आएंगे श्रद्धालु

स्थानीय प्रशासन द्वारा यातायात नियंत्रण, सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष परिवहन सेवा और अस्थायी विश्राम स्थल भी बनाए जा रहे हैं। बाबा के भक्तों में स्टीव जॉब्स, मार्क जुकरबर्ग जैसी अंतरराष्ट्रीय हस्तियां शामिल हैं, जिससे यह धाम वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र बन चुका है।

यह आयोजन आज केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि सांस्कृतिक एकता और सेवा भावना का प्रतीक बन चुका है।

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