
प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद सियासी हलचल तेज
देहरादून: उत्तराखंड बीजेपी में इन दिनों सियासी उठापटक जारी है। हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट में मंत्री रहे प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे प्रदेश संगठन में बड़े बदलाव की अटकलें तेज हो गई हैं। अब चर्चा इस बात की हो रही है कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को बदला जा सकता है।
महिला नेतृत्व को तरजीह देने की रणनीति
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी इस बार उत्तराखंड में महिला नेतृत्व को तरजीह दे सकती है। वरिष्ठ पत्रकार नीरज कोहली के अनुसार, बीजेपी ने हाल ही में दिल्ली में रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाकर सबको चौंकाया है। इसी तरह, उत्तराखंड में भी पार्टी पहली बार किसी महिला नेता को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है।
आशा नौटियाल और दीप्ति रावत भारद्वाज सबसे प्रबल दावेदार
सूत्रों के मुताबिक, इस पद की दौड़ में दो महिला नेता सबसे आगे चल रही हैं। इनमें केदारनाथ से विधायक आशा नौटियाल और दीप्ति रावत भारद्वाज का नाम प्रमुख है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि ब्राह्मण महिला नेता को अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना अधिक है, जिससे आधी आबादी के प्रतिनिधित्व को मजबूती मिल सके।
संगठन और अनुभव के कारण आशा नौटियाल मजबूत दावेदार
वरिष्ठ पत्रकार नीरज कोहली के अनुसार, आशा नौटियाल को संगठन का अच्छा अनुभव है। हाल ही में उन्होंने केदारनाथ सीट पर कड़ी टक्कर के बाद जीत दर्ज की है। संगठनात्मक समझ और राजनीतिक समीकरणों के हिसाब से वे इस पद के लिए उपयुक्त मानी जा रही हैं।
दीप्ति रावत भारद्वाज भी बना सकती हैं चौंकाने वाली एंट्री
वहीं, दीप्ति रावत भारद्वाज भी इस पद की रेस में अहम भूमिका निभा सकती हैं। जानकारों का मानना है कि पार्टी कोई चौंकाने वाला फैसला ले सकती है, जैसा कि उसने दिल्ली और अन्य राज्यों में किया है।
बीजेपी का महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ता कदम
बीजेपी हाल के वर्षों में महिलाओं को नेतृत्व में आगे लाने पर जोर दे रही है। पार्टी ने पहले कल्पना सैनी को राज्यसभा सांसद और ऋतु खंडूरी को विधानसभा स्पीकर बनाया था। अब देखना होगा कि उत्तराखंड में प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी किसे मिलती है और क्या पार्टी इस बार महिला चेहरे पर दांव खेलती है।