चमोली में होम स्टे योजना से युवाओं को स्वरोजगार, पर्यटन विभाग का प्रयास फलदायी
Homestay scheme in Chamoli provides self-employment to youth, Tourism Department's efforts bear fruit

चमोली: उत्तराखंड में होम स्टे योजना युवाओं के लिए स्वरोजगार का एक महत्वपूर्ण जरिया बन रही है। राज्य पर्यटन विभाग की ओर से संचालित यह योजना स्थानीय युवाओं को घर पर ही रोजगार का अवसर प्रदान करती है, जिससे पलायन पर नियंत्रण के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।
योजना का प्रारंभ और उद्देश्य
उत्तराखंड सरकार ने वर्ष 2018 में दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास विकास योजना (होम स्टे योजना) का शुभारंभ किया। योजना का उद्देश्य पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ युवाओं को घर पर ही स्वरोजगार से जोड़ना है। इसके तहत राज्य में घरों पर पर्यटकों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए निर्माण और रख-रखाव पर 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाता है।
चमोली जिले में इस योजना से अब तक 169 लोगों को लाभ मिला है। योजना के शुरुआत वर्ष 2018-19 में केवल 2 लाभार्थियों को लाभ मिला, जो धीरे-धीरे बढ़कर 2024-25 में 31 और चालू वित्तीय वर्ष में 11 तक पहुँच गया।
ग्रामीण युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर
योजना से जुड़े युवा जिले की दूरस्थ घाटियों जैसे उर्गम, वांण और प्रमुख तीर्थस्थलों जैसे जोशीमठ, बदरीनाथ धाम, बेनीताल आदि में होम स्टे संचालन कर रहे हैं। इससे युवाओं को घर पर ही आय के साधन उपलब्ध हुए हैं और पर्यटकों को सुरक्षित एवं सुविधाजनक आवासीय सुविधा मिल रही है।
चमोली जिला पर्यटन अधिकारी अरविंद गौड़ ने बताया कि योजना के तहत लाभार्थियों को होम स्टे निर्माण के लिए अनुदान के साथ ऋण सुविधा भी दी जा रही है। इसके अलावा, ब्याज पर सालाना डेढ़ लाख रुपये तक धनराशि भी विभाग की ओर से उपलब्ध कराई जाती है। समय-समय पर संचालनकर्ताओं को प्रशिक्षण भी दिया जाता है, जिससे गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।
आवेदन प्रक्रिया
होम स्टे योजना में शामिल होने के इच्छुक लोग ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद हार्डकॉपी स्थानीय पर्यटन विकास अधिकारी कार्यालय में जमा करनी होती है। पंजीकरण के लिए स्थानीय निकाय/ग्राम प्रधान से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करना आवश्यक है। आवेदन प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर जिला अधिकारी पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी करते हैं।
योजना से न केवल युवाओं का स्वरोजगार सुनिश्चित हो रहा है, बल्कि चमोली जैसे पर्यटन संपन्न जिले में पर्यटन और रोजगार दोनों का विकास हो रहा है। यह पहल राज्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था और स्थानीय संस्कृति को भी मजबूती प्रदान करती है।