
कहावत है कि किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं, और बचपन में पढ़ने की आदत का बच्चों के व्यक्तित्व पर गहरा प्रभाव पड़ता है। चाइल्ड काउंसलर डॉ. नैना तिवारी के अनुसार, किताबें पढ़ने से बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास में वृद्धि होती है। इससे बच्चों की सीखने और याद रखने की क्षमता, एकाग्रता और भाषा ज्ञान बढ़ता है। इसके अलावा, इस आदत से बच्चों में आत्मविश्वास, धैर्य, रचनात्मकता और नैतिकता का भी विकास होता है।
आज के डिजिटल युग में, बच्चों का अधिकतर समय टीवी और मोबाइल स्क्रीन पर बीतता है, जिससे उनकी लर्निंग एबिलिटी और भावनात्मक स्थिरता पर नकारात्मक असर पड़ता है। इसके मुकाबले, किताबें पढ़ने से बच्चों के दिमाग का विकास सकारात्मक दिशा में होता है। वे विभिन्न कहानियों और चरित्रों से जीवन की चुनौतियों का सामना करना और समस्याओं का समाधान करना सीखते हैं। इससे उनकी कल्पनाशक्ति भी प्रबल होती है, जो उन्हें जीवन में नए दृष्टिकोण और विचार विकसित करने में मदद करती है।
किताबें पढ़ने के प्रमुख लाभ:
1. ज्ञान और भाषा का विकास: बच्चों को विभिन्न विषयों पर नई जानकारियाँ मिलती हैं और उनकी शब्दावली समृद्ध होती है।
2. एकाग्रता और धैर्य का विकास: लंबी कहानियों को पढ़ने से बच्चों की एकाग्रता और धैर्य की क्षमता बढ़ती है
3. रचनात्मकता और कल्पनाशक्ति: कहानियों में प्रस्तुत कल्पनाएं बच्चों की सृजनात्मकता को प्रेरित करती हैं।
4. समस्याओं का समाधान: बच्चों में समस्याओं का हल ढूंढ़ने की क्षमता विकसित होती है।
5. नैतिकता और आत्मविश्वास: नैतिक कहानियों से बच्चों में नैतिक ज्ञान बढ़ता है और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
कैसे बच्चों में किताबें पढ़ने की आदत विकसित करें:
1. उदाहरण प्रस्तुत करें: माता-पिता खुद बच्चों के सामने किताबें पढ़ें ताकि वे भी प्रेरित हों।
2. रोचक किताबें चुनें: रंग-बिरंगी और चित्रों से भरी किताबें छोटे बच्चों को आकर्षित करती हैं।
3. नियमित समय तय करें: सोने से पहले कहानी पढ़ने जैसी आदतें बच्चों को किताबों से जोड़ सकती हैं।
4. किताबें चुनने की स्वतंत्रता दें: बच्चों को खुद किताबें चुनने का मौका दें ताकि उनकी रुचि का पता चले।
5. पढ़ने को मनोरंजक बनाएं: किताब पढ़ने को मजेदार गतिविधि के रूप में पेश करें और उनके साथ मिलकर कहानियों पर चर्चा करें।
इस प्रकार, बचपन से किताबें पढ़ने की आदत बच्चों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिससे वे न केवल बेहतर छात्र बनते हैं, बल्कि समाज में एक संवेदनशील और सृजनात्मक व्यक्ति के रूप में अपनी पहचान बनाते हैं।