Blogउत्तराखंडदेशयूथ

देवभूमि में गूंजेगी आयुर्वेद की वैश्विक ध्वनि: वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस 2024 का आगाज

The global voice of Ayurveda will resonate in Devbhoomi: World Ayurveda Congress 2024 begins

देहरादून: उत्तराखंड की धरती पर आयुर्वेद के वैश्विक प्रचार-प्रसार की रणनीति बनने जा रही है। वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो 2024 में तीन दिवसीय इंटरनेशनल असेंबली का आयोजन किया जाएगा। यह ऐतिहासिक आयोजन 12 से 14 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें 40 से 50 देशों के आयुष प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आयुर्वेद के अंतरराष्ट्रीय विस्तार की रणनीति बनाना और इसे दुनिया भर में लोकप्रिय बनाना है।

दुनिया भर के विशेषज्ञ होंगे शामिल

इस असेंबली में प्रमुख रूप से अमेरिका, ब्रिटेन, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, श्रीलंका, इटली, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी, स्वीडन, कनाडा, नीदरलैंड, पुर्तगाल, और सिंगापुर जैसे देशों में स्थापित आयुष चेयर के डेलीगेट्स शामिल होंगे। ये विशेषज्ञ आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार और इसे वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली का हिस्सा बनाने पर गहन चर्चा करेंगे। केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने इन देशों में आयुष चेयर स्थापित कर पहले ही मजबूत आधार तैयार कर लिया है।

उत्तराखंड: आयुर्वेद की वैश्विक राजधानी बनने की ओर

उत्तराखंड को वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस जैसे प्रतिष्ठित कार्यक्रम की मेजबानी करने का अवसर मिला है। यह आयोजन उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि यह पहला हिमालयी राज्य है जहां आयुर्वेद का यह विश्व स्तरीय आयोजन हो रहा है। वर्ष 2022 में इसकी शुरुआत केरल के कोच्चि में हुई थी। अब तक यह कार्यक्रम केवल दिल्ली और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों तक सीमित था। उत्तराखंड इस मेजबानी के साथ उत्तर भारत का दूसरा राज्य बन गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “उत्तराखंड का सौभाग्य है कि वह इस विश्व स्तरीय कार्यक्रम की मेजबानी कर रहा है। आयुर्वेद के लिए उत्तराखंड की धरती हमेशा से समृद्ध रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आयुष के प्रचार-प्रसार के लिए जो प्रयास किए हैं, उनसे इस दिशा में एक बेहतर माहौल बना है। इस आयोजन से आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिलेगी।”

वैश्विक मंच पर आयुर्वेद की रणनीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने आयुष को दुनिया भर में प्रचारित करने के लिए एक सशक्त अभियान चलाया है। आयुर्वेद, योग, और भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के प्रति दुनिया के रुझान में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह आयोजन उत्तराखंड को आयुर्वेद के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

क्यों खास है उत्तराखंड?

उत्तराखंड को “देवभूमि” के साथ-साथ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और चिकित्सा के लिए भी जाना जाता है। हिमालय की समृद्ध जैव विविधता और पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान इसे आयुर्वेद के लिए आदर्श स्थान बनाते हैं।

आयुर्वेद को मिलेगा नया आयाम

वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस 2024 का आयोजन न केवल आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देगा, बल्कि उत्तराखंड को वैश्विक आयुर्वेद मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करेगा। इस आयोजन के माध्यम से उत्तराखंड की सांस्कृतिक और प्राकृतिक संपदा को भी दुनिया के सामने लाने का अवसर मिलेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button