बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि 2 अक्टूबर को तय
The date for closing of the doors of Badrinath Dham has been fixed on October 2.

देहरादून: उत्तराखंड के धार्मिक पर्यटन में प्रमुख माने जाने वाले बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि इस वर्ष विजयादशमी, यानी 2 अक्टूबर को घोषित की जाएगी। परंपरा के अनुसार हर साल दशहरे के अवसर पर इस घोषणा को मंदिर समिति द्वारा किया जाता है। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने बताया कि इस बार भी पंचांग गणना के आधार पर कपाट बंद करने की शुभ तिथि मंदिर के रावल द्वारा औपचारिक रूप से घोषित की जाएगी।
भव्य धार्मिक समारोह की तैयारी
बदरीनाथ धाम परिसर में 2 अक्टूबर को दोपहर बाद भव्य धार्मिक आयोजन होगा। इस अवसर पर धर्माधिकारी, वैदिक विद्वान और बीकेटीसी के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। वैदिक गणना के आधार पर शुभ तिथि निकालने की यह परंपरा विशेष महत्व रखती है। स्थानीय लोग और श्रद्धालु इस मौके को बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ देखते हैं, क्योंकि इसी प्रक्रिया के साथ बदरीनाथ यात्रा का समापन होता है।
चारधाम यात्रा का दूसरा चरण जारी
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का दूसरा चरण 6 सितंबर से सुचारू रूप से चल रहा है। हालांकि बारिश के कारण कुछ समय के लिए यात्रा में बाधा आई थी, लेकिन मौसम खुलने के बाद तीर्थयात्रियों की आवाजाही फिर से तेज हो गई है। 15 सितंबर से केदारनाथ धाम में हेली सेवा भी शुरू हो चुकी है, जिससे यात्रियों को काफी सुविधा मिल रही है।
भारी बारिश के बावजूद यात्रा में तेजी
पिछले महीनों में लगातार हुई भारी बारिश ने प्रशासन के लिए चुनौती खड़ी की थी। कई बार मार्ग बाधित होने और सुरक्षा कारणों से यात्रा अस्थायी रूप से रोकनी पड़ी। लेकिन अब मॉनसून के विदा होते ही चारधाम यात्रा फिर से रफ्तार पकड़ रही है। प्रशासन ने मार्गों की मरम्मत और सुरक्षा प्रबंधों पर विशेष ध्यान देते हुए यात्रियों को सुरक्षित और सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
45 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे धामों में
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा में अब तक 45 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। चारों धामों में सबसे अधिक भक्त केदारनाथ धाम पहुंचे हैं, जहां 15 लाख 73 हजार 796 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए। बदरीनाथ में भी श्रद्धालुओं की संख्या प्रभावशाली रही, जहां 13 लाख 93 हजार 317 भक्त पहुंचे।
पिछले साल का रिकॉर्ड टूटने की संभावना
पिछले वर्ष 2024 में चारधाम यात्रा में लगभग 48 लाख श्रद्धालु आए थे। इस वर्ष यात्रा का लगभग एक महीना शेष रहते हुए, अब तक के आंकड़ों को देखते हुए माना जा रहा है कि यह रिकॉर्ड टूट सकता है। मौसम अनुकूल रहने के कारण श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ने की संभावना है, और पर्यटन विभाग का अनुमान है कि वर्ष के अंत तक यह संख्या 50 लाख के पार जा सकती है।
प्रशासन ने बढ़ाई तैयारियां
यात्रा को सुरक्षित और सुचारू बनाने के लिए राज्य सरकार और प्रशासन ने विशेष योजनाएं बनाई हैं। पर्वतीय मार्गों पर निगरानी रखी जा रही है, आपातकालीन सेवाओं को अलर्ट मोड पर रखा गया है, और आपदा प्रबंधन दल तैनात किए गए हैं। स्थानीय व्यापारियों और होटल संचालकों ने भी यात्रा की बढ़ती रफ्तार को लेकर उत्साह जताया है।
श्रद्धालुओं में उत्साह चरम पर
बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की परंपरा तीर्थयात्रियों के लिए विशेष आकर्षण रखती है। हर साल देश और विदेश से हजारों श्रद्धालु इस अंतिम पूजा और विधि-विधान के साक्षी बनने आते हैं। इस बार भी कपाट बंद होने से पहले बड़ी संख्या में भक्त आने की संभावना है।
देवभूमि का आध्यात्मिक केंद्र
उत्तराखंड का यह पवित्र तीर्थनगरी न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि प्रकृति की अद्भुत सुंदरता का अनुभव कराने का अवसर भी देती है। आगामी 2 अक्टूबर को कपाट बंद होने की तिथि तय होने पर, बदरीनाथ धाम एक बार फिर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आस्था का केंद्र बन जाएगा।