
नई दिल्ली, 10 मई: भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने स्थिति स्पष्ट करने के लिए विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की संयुक्त प्रेस वार्ता की। भारत ने दो टूक कहा कि पाकिस्तान बार-बार झूठे दावे कर रहा है और आम नागरिकों को निशाना बना रहा है, जबकि भारतीय सेना पूरी तरह संयमित और नियंत्रित प्रतिक्रिया दे रही है।
पाकिस्तान की उकसावे वाली गतिविधियां तेज़
पाकिस्तानी सेना ने हाल के दिनों में ड्रोन और फाइटर जेट्स की मदद से भारतीय सीमा क्षेत्रों में आक्रामक गतिविधियां की हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने भारत के कई एयरबेस, खासकर पश्चिमी मोर्चे के ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की। इसके अलावा, वह सिविल विमानों की आड़ में सैन्य ठिकानों पर हमले की साजिश रच रहा है।
झूठे दावों से गुमराह करने की कोशिश
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान द्वारा आदमपुर स्थित एस-400 बेस और अन्य एयरबेस को क्षति पहुंचाने के दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया है। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत के किसी भी सैन्य अड्डे को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, जबकि पाकिस्तान ने भारतीय शहरों जैसे फिरोजपुर, जालंधर और जम्मू में सिविल संरचनाओं को नुकसान पहुंचाया है।
धार्मिक स्थलों को लेकर भी फैलाई अफवाहें
पाकिस्तान ने यह आरोप भी लगाया कि भारत ने उसकी धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया, जिसे भारत ने खारिज करते हुए कहा कि न तो अमृतसर और न ही किसी अन्य धार्मिक स्थल को कोई क्षति पहुंचाई गई है। यह केवल सांप्रदायिक तनाव फैलाने की पाकिस्तान की चाल है।
भारतीय सेना की स्थिति पर रक्षा मंत्रालय का बयान
कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि पाकिस्तान ने सीमावर्ती क्षेत्रों में 26 से अधिक स्थानों पर सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की। श्रीनगर, उधमपुर, अवंतिपुर और बठिंडा जैसे क्षेत्रों में हवाई घुसपैठ और गोलीबारी की घटनाएं सामने आई हैं। कुछ स्थानों पर उपकरणों को क्षति जरूर पहुंची है, लेकिन हमारी सेना की जवाबी कार्रवाई पूरी तरह सटीक और नियंत्रित रही।
तनाव नहीं चाहते, पर जवाब देने को तैयार: भारत
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने जानकारी दी कि पाकिस्तान लगातार फॉरवर्ड पोस्ट पर सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है और हमले की साजिश रच रहा है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह युद्ध नहीं चाहता, लेकिन अगर मजबूरी हुई तो हर हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
हमले की जड़: 22 अप्रैल का आतंकी हमला
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत हुई थी, जिसकी ज़िम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकियों पर आई। इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिससे पाकिस्तान बौखला गया और सीमा पर तनाव बढ़ा।