उत्तराखंड

उत्तराखंड में तीलू रौतेली सम्मान समारोह, 13 महिलाएं और 33 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हुईं सम्मानित

Teelu Rauteli Samman Ceremony in Uttarakhand, 13 women and 33 Anganwadi workers were honored

देहरादून: उत्तराखंड की वीरांगना तीलू रौतेली की स्मृति में आयोजित सम्मान समारोह में इस साल भी प्रदेश की प्रतिभाशाली महिलाओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया। गुरुवार को राजधानी देहरादून स्थित आईआरडीटी सभागार में हुए इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली 13 महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार और 33 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को विशेष सम्मान प्रदान किया।


वीरांगना तीलू रौतेली को नमन

कार्यक्रम की शुरुआत वीरांगना तीलू रौतेली की वीरता को याद करते हुए हुई। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि तीलू रौतेली ने मात्र 15 वर्ष की उम्र में जिस अदम्य साहस और रणकौशल का प्रदर्शन किया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है। उन्होंने उन्हें उत्तराखंड की झांसी की रानी बताते हुए कहा कि “नारी शक्ति के त्याग और पराक्रम का यह उदाहरण हमेशा इतिहास में दर्ज रहेगा।”


पुरस्कार प्राप्त करने वाली महिलाएं

इस वर्ष अल्मोड़ा से मीता उपाध्याय, बागेश्वर से अलिशा मनराल, चमोली से सुरभि, चम्पावत से अनामिका बिष्ट, देहरादून से शिवानी गुप्ता, हरिद्वार से रूमा देवी, नैनीताल से नैना, पौड़ी से रोशमा देवी, पिथौरागढ़ से रेखा भट्ट, रुद्रप्रयाग से हेमा नेगी करासी, टिहरी से साक्षी चौहान, ऊधमसिंह नगर से रेखा और उत्तरकाशी से विजयलक्ष्मी जोशी को तीलू रौतेली सम्मान से नवाजा गया। इन महिलाओं को शिक्षा, कला, समाज सेवा और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में किए गए कार्यों के लिए चुना गया।


आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का सम्मान

कार्यक्रम में 33 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव-गांव में बच्चों और माताओं के स्वास्थ्य और पोषण की जिम्मेदारी संभालने वाली ये बहनें नारी शक्ति का जीवंत प्रतीक हैं।


महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण को लेकर देशभर में ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, उज्ज्वला योजना और लखपति दीदी योजना से महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। राज्य स्तर पर महिलाओं को सरकारी सेवाओं में 30 प्रतिशत आरक्षण और देश में पहली बार समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर उनके अधिकारों को मजबूत किया गया है।


पुरस्कार राशि और मानदेय में वृद्धि

सीएम धामी ने कहा कि तीलू रौतेली पुरस्कार की राशि 31 हजार से बढ़ाकर 51 हजार रुपये कर दी गई है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलने वाला मानदेय भी बढ़ाकर क्रमशः 9,300, 6,250 और 5,250 रुपये कर दिया गया है। साथ ही अब उन्हें सुपरवाइज़र के पद पर पदोन्नति का अवसर भी मिलेगा।

समारोह का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि वीरांगना तीलू रौतेली की गाथा न केवल इतिहास में जीवित रहेगी बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी नारी शक्ति के महत्व का एहसास कराती रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा, “नारी ही समाज की वास्तविक शक्ति है और सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए समर्पित है।”

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