गांव से सेना तक का सफर: कोठा के तरुण की प्रेरणादायक कहानी
गैरसैंण (चमोली) के कोठा गांव निवासी तरुण ममगाईं ने भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) देहरादून से पासिंग आउट परेड के बाद लेफ्टिनेंट का पद हासिल कर क्षेत्र का मान बढ़ाया। तरुण के सेना में अफसर बनने की खबर से गांव में उत्सव का माहौल है।
सैन्य पृष्ठभूमि से प्रेरित तरुण ने पाया मुकाम
तरुण का परिवार कुनीगाड़ क्षेत्र के कोठा गांव का निवासी है। पिता महेशानंद ममगाईं सेना में सूबेदार हैं, जबकि चचेरे भाई संजय ममगाईं सेना में मेजर हैं। परिवार के सैन्य परिवेश ने तरुण को बचपन से ही सेना में जाने के लिए प्रेरित किया।
कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से मिली सफलता
तरुण ने आर्मी पब्लिक स्कूल दिल्ली और मऊ (उत्तर प्रदेश) से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया। हालांकि, पहले दो प्रयासों में असफल होने के बावजूद, उनकी सेना में जाने की दृढ़ इच्छा शक्ति ने उन्हें तीसरे प्रयास में सफल बनाया।
गांव में जश्न का माहौल
तरुण के अधिकारी बनने की खबर मिलते ही उनके परिवार ने मिठाई बांटकर खुशी मनाई। गांव के लोगों, जनप्रतिनिधियों, और पूर्व सैनिक संगठन ने भी तरुण की सफलता पर गर्व जताया।
सैन्य जुनून को साकार करने का सफर
तरुण के चाचा, पत्रकार विजय ममगाईं, ने बताया कि सेना में जाने का उनका जुनून और कड़ी मेहनत ही उनकी सफलता की कुंजी रही। 76 वर्षीय दादा मोहन दत्त ममगाईं, जो बीआरओ से सेवानिवृत्त हैं, ने इसे परिवार के लिए गौरव का क्षण बताया।
क्षेत्रीय नेतृत्व और समाज की शुभकामनाएं
तरुण की सफलता पर क्षेत्रीय विधायक, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय निवासियों ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। गैरसैंण के इस होनहार युवा की कहानी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है।