डिजिटल युग में भी कायम है विश्वास का प्रतीक, उत्तराखंड में 45 लाख से अधिक सक्रिय डाक खाते
A symbol of trust that persists even in the digital age, Uttarakhand has over 4.5 million active postal accounts.

देहरादून: हर साल 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस (World Post Day) मनाया जाता है — वह दिन जो डाक सेवाओं की ऐतिहासिक यात्रा और आधुनिक स्वरूप को सम्मान देने के लिए समर्पित है। चिट्ठियों के दौर से लेकर डिजिटल युग तक, डाक विभाग ने हर बदलाव के साथ खुद को निखारा है। आज यह केवल संदेश पहुंचाने का माध्यम नहीं, बल्कि वित्तीय, बीमा और ई-कॉमर्स सेवाओं का सशक्त नेटवर्क बन चुका है।
विश्व डाक दिवस: परंपरा और तकनीक का संगम
9 अक्टूबर 1874 को स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) की स्थापना हुई थी। भारत 1876 में इसका सदस्य बना और एशिया का पहला देश बना जिसने इसमें भागीदारी की। हर साल 6 से 13 अक्टूबर तक राष्ट्रीय डाक सप्ताह के रूप में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, ताकि लोगों को डाक सेवाओं और योजनाओं के प्रति जागरूक किया जा सके।
चिट्ठियों से कमर्शियल पार्सल तक का बदलाव
वो समय अब इतिहास बन चुका है जब “डाकिया डाक लाया” हर घर में सुनाई देता था। आज डाक विभाग ने अपना रुख कमर्शियल पार्सल और आधुनिक सेवाओं की ओर मोड़ लिया है। ई-कॉमर्स और ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते दौर में अब पोस्ट ऑफिस स्पीड पोस्ट, ट्रैकिंग, और पार्सल डिलीवरी का अहम केंद्र बन चुका है।
उत्तराखंड में 45 लाख से अधिक सक्रिय खाते
डाक विभाग के अनुसार, उत्तराखंड में 45.78 लाख से ज्यादा लोगों के खाते सक्रिय हैं। वर्ष 2024–25 में 7.21 लाख नए खाते खोले गए, जिनमें सुकन्या समृद्धि योजना, बचत खाता, राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र और किसान विकास पत्र जैसी योजनाएं प्रमुख हैं। अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच ही 3.37 लाख नए खाते खुले हैं — जो जनता के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
स्पीड पोस्ट और पार्सल में भी बढ़ा भरोसा
डिजिटलाइजेशन के बावजूद डाक विभाग पर भरोसा कायम है। वित्तीय वर्ष 2024–25 में उत्तराखंड से 17.9 लाख स्पीड पोस्ट और 7.2 लाख पार्सल भेजे गए, जबकि अप्रैल–सितंबर 2025 में यह संख्या क्रमशः 8.86 लाख और 3.93 लाख रही।
ग्रामीण इलाकों में डाकिया बना डिजिटल साथी
उत्तराखंड के दूरस्थ इलाकों में डाकिया आज भी लोगों का सबसे भरोसेमंद साथी है। जहाँ बैंकिंग या नेटवर्क की सुविधा नहीं पहुँच पाती, वहाँ डाकिया ही इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक ऐप के जरिए ग्रामीणों को बैंकिंग, बीमा और आधार अपडेट जैसी सेवाएं घर-घर पहुंचा रहा है।
आधुनिक सुविधाओं से लैस डाकघर
मुख्य पोस्टमास्टर जनरल शशि शालिनी कुजूर के अनुसार, “डाक विभाग ने परंपरा और तकनीक का संतुलन बनाए रखते हुए खुद को समय के साथ अपग्रेड किया है।” विभाग ने OTP आधारित डिलीवरी, ऑनलाइन ट्रैकिंग और घर बैठे पार्सल बुकिंग जैसी सेवाएं शुरू की हैं।
देशभर में 1.6 लाख पोस्ट ऑफिस का विशाल नेटवर्क
आज भारत में 1.6 लाख से अधिक पोस्ट ऑफिस सक्रिय हैं, जो लोगों को बचत, बीमा और डिलीवरी की सुविधाएं दे रहे हैं। डाक विभाग अब केवल एक संस्था नहीं, बल्कि विश्वास, परंपरा और आधुनिक भारत की पहचान बन चुका है।