अब पूर्व सैनिकों और उनके परिवार को पतंजलि में मिलेगा मुफ्त इलाज
Now ex-servicemen and their families will get free treatment at Patanjali

हरिद्वार। देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए राहतभरी खबर सामने आई है। हरिद्वार स्थित पतंजलि योगग्राम और भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग के बीच एक ऐतिहासिक करार हुआ है। इस समझौते के बाद करीब 60 लाख पूर्व सैनिक और उनके परिजन अब योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा का मुफ्त लाभ उठा सकेंगे।
सेना और संत का संगम
पतंजलि योगग्राम में आयोजित इस कार्यक्रम में भारतीय सेना की ओर से मेजर जनरल एम.पी.एस. गिल, जबकि पतंजलि की ओर से योगगुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण मौजूद रहे। इस दौरान अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। बाबा रामदेव ने कहा, “जैसे सेना देश की सीमाओं की सुरक्षा करती है, वैसे ही योग और आयुर्वेद नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा करते हैं। पूर्व सैनिकों की सेवा करना हमारे लिए सौभाग्य की बात है।”
निशुल्क चिकित्सा सुविधा
समझौते के तहत अब पूर्व सैनिक और उनके परिवार पतंजलि योगग्राम में योगासन, आयुर्वेदिक थेरेपी, प्राकृतिक चिकित्सा और दवाइयों का मुफ्त लाभ ले सकेंगे। बाबा रामदेव ने यह भी कहा कि भविष्य में कोशिश होगी कि यह सुविधा वर्तमान में सेवा दे रहे जवानों तक भी पहुँचे।
60 लाख परिवारों को सीधा लाभ
मेजर जनरल गिल ने कहा कि इस पहल से लगभग 60 लाख पूर्व सैनिक और उनके परिजन सीधे लाभान्वित होंगे। उन्होंने पतंजलि के इलाज के मॉडल को “दो पटरियों पर चलती ट्रेन” की तरह बताया, जहाँ पारंपरिक चिकित्सा और आधुनिक एलोपैथी को साथ में अपनाया जाता है।
पतंजलि की बढ़ती क्षमता
योगगुरु रामदेव ने जानकारी दी कि फिलहाल पतंजलि योगग्राम में रोजाना तीन हजार मरीज भर्ती होते हैं और इसे पाँच हजार तक बढ़ाने की योजना है। उन्होंने दावा किया कि डायबिटीज, हृदय रोग, कैंसर और रीढ़ की समस्याओं का यहाँ सफल इलाज किया गया है। साथ ही जल्द ही सर्जरी जैसी आधुनिक सुविधाएँ भी शुरू की जाएंगी।
स्वदेशी कार्ड और बीमा योजना
आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि सभी पूर्व सैनिकों को स्वदेशी समृद्धि कार्ड मुफ्त मिलेगा, जिसके साथ 10 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद केवल चिकित्सा नहीं, बल्कि जीवनशैली है। हल्दी, जीरा और हींग जैसे मसाले आयुर्वेद की मूल शक्ति का प्रतीक हैं।
सेना और पतंजलि का पहला करार
ईसीएचएस के क्षेत्रीय निदेशक कर्नल जितेंद्र कुमार ने बताया कि यह पहली बार है जब सेना और पतंजलि के बीच ऐसा करार हुआ है। पूर्व सैनिक लंबे समय से आयुष चिकित्सा से जुड़ने की मांग कर रहे थे, और अब यह सपना पूरा हो गया है।
यह ऐतिहासिक समझौता न केवल लाखों पूर्व सैनिक परिवारों के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि योग और आयुर्वेद को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में भी बड़ा कदम है। सेना और पतंजलि का यह संगम चिकित्सा और समाज सेवा में एक नया अध्याय लिखने जा रहा है।