उत्तराखंड

बिंदाल नदी निरीक्षण: अधिवक्ता शिवा वर्मा की पहल बनी नई उम्मीद की किरण

Bindal river inspection: Advocate Shiva Verma's initiative became a ray of new hope

देहरादून शहर की धड़कन मानी जाने वाली बिंदाल नदी वर्तमान में प्रदूषण, अतिक्रमण और टूटी-फूटी संरचनाओं की वजह से संकट में है। हाल ही में प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम ने नदी की स्थिति का जायजा लिया। इस निरीक्षण में सामाजिक सरोकारों के लिए प्रसिद्ध अधिवक्ता शिवा वर्मा भी सक्रिय रूप से शामिल रहे। उनकी उपस्थिति और सुझावों ने इस अभियान को नई दिशा दी है।

गंदगी और टूटी संरचनाओं से जूझ रही बिंदाल

निरीक्षण के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि बिंदाल नदी में जगह-जगह भारी मात्रा में कचरा जमा है, जिससे जल प्रवाह बाधित हो गया है। खासकर कांवली रोड क्षेत्र में नदी की हालत बेहद चिंताजनक है। नदी के किनारे बने कई सुरक्षा पुश्ते क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिससे बारिश के मौसम में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है।

स्थायी समाधान की तलाश में प्रशासन

इस मौके पर अधिकारियों के साथ हुई बैठक में विभिन्न उपायों पर गंभीर चर्चा हुई। नदी की तत्काल सफाई, अस्थायी रूप से बांस-बल्लियों से सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने, और दीर्घकालिक समाधान के तौर पर बायो-इंजीनियरिंग तकनीक के उपयोग जैसे प्रस्तावों पर विचार किया गया। इसके साथ ही ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए स्थानीय निकायों की भागीदारी भी सुनिश्चित करने की बात कही गई।

शिवा वर्मा का अभिनव सुझाव

अधिवक्ता शिवा वर्मा ने इस मौके पर सुझाव दिया कि “स्थानीय सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से प्रत्येक सप्ताह सफाई अभियान चलाया जाए और आम नागरिकों को यह समझाया जाए कि नदी में कूड़ा फेंकना न केवल अनैतिक, बल्कि दंडनीय भी है।” उनका मानना है कि जनभागीदारी के बिना किसी भी परियोजना में दीर्घकालिक सफलता संभव नहीं है।

वकालत के साथ सामाजिक जिम्मेदारी

शिवा वर्मा केवल कानूनी दुनिया तक सीमित नहीं हैं। वे लंबे समय से समाज सेवा में सक्रिय हैं और समय-समय पर पर्यावरण और मानवाधिकार से जुड़े मुद्दों पर जन जागरूकता फैलाते रहे हैं। उनके प्रयासों से न केवल प्रशासन को दिशा मिलती है, बल्कि आम लोग भी प्रेरित होते हैं।

प्रशासन ने दिए त्वरित कार्रवाई के संकेत

निरीक्षण के बाद नगर निगम और सिंचाई विभाग ने संयुक्त रूप से कार्य योजना तैयार करने का आश्वासन दिया है। अधिकारियों का कहना है कि शिवा वर्मा के सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और मानसून से पहले तात्कालिक राहत के उपाय किए जाएंगे।

बिंदाल नदी की रक्षा के लिए चल रहा यह प्रयास देहरादूनवासियों के लिए एक नई प्रेरणा बन सकता है। यदि प्रशासन और जनता मिलकर प्रयास करें, तो यह नदी एक बार फिर अपनी पुरानी गरिमा लौट सकती है।

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