
उत्तरकाशी: तिलोथ स्थित राजीव महाशय सरस्वती विद्या मंदिर में छात्र-छात्राओं के लिए स्मार्ट कक्षाएं शुरू कर दी गई हैं। अब नौनिहाल आधुनिक तकनीक के माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और विदेशी विशेषज्ञों से अंग्रेजी व अन्य भाषाओं का ज्ञान भी प्राप्त कर रहे हैं। यह गढ़वाल और पहाड़ का पहला विद्या भारती विद्यालय है, जहां स्मार्ट क्लास की सुविधा शुरू की गई है।
तकनीकी शिक्षा से जुड़ेगा पहाड़
पुरानी शिक्षा पद्धतियों के चलते विद्या भारती के कई विद्यालय बंद होने की कगार पर हैं। इसी चुनौती को देखते हुए तिलोथ के राजीव महाशय सरस्वती विद्या मंदिर के प्रबंधन ने अपने संसाधनों और पृथ्वीकुल संगठन की मदद से कक्षा नर्सरी से पांचवीं तक के 275 छात्र-छात्राओं के लिए स्मार्ट क्लास की शुरुआत की है। विद्यालय में 20 कंप्यूटर और पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। चार पैनल की मदद से बच्चे अब तकनीक के माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
विदेशी विशेषज्ञों से सीख रहे छात्र
विद्यालय के प्रधानाचार्य अरविंद रावत ने बताया कि ऑनलाइन क्लास के साथ-साथ विद्या भारती से जुड़े विदेशी विशेषज्ञ भी बच्चों को अंग्रेजी और अन्य भाषाओं का ज्ञान दे रहे हैं। यह विद्यालय 1972 में स्थापित हुआ था, लेकिन निजी विद्यालयों और तकनीकी सुविधाओं की बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण यहां छात्र संख्या में गिरावट आने लगी थी।
तकनीकी शिक्षा की ओर बढ़ता कदम
वर्ष 2020 के बाद विद्यालय को नई शिक्षा नीति के नियमों के तहत तकनीकी रूप से उन्नत किया गया। इसके अलावा, स्कूल प्रबंधन की ओर से स्कूल की छुट्टी के बाद अभिभावकों और आसपास के इच्छुक लोगों को कंप्यूटर लैब में निशुल्क प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
पहाड़ में शिक्षा को नई दिशा
प्रधानाचार्य अरविंद रावत ने बताया कि मैदानी इलाकों में विद्या भारती के कई विद्यालय तकनीकी शिक्षा से जुड़ चुके हैं, लेकिन पहाड़ों में संसाधनों की कमी के कारण यह संभव नहीं हो पाया था। अब उत्तरकाशी में इस पहल की शुरुआत कर विद्या भारती के पहाड़ी क्षेत्रों के स्कूलों को आधुनिक शिक्षा पद्धति से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।