
वनाग्नि से निपटने की नई पहल
भारत समेत अन्य देशों के घने जंगलों में अचानक लगने वाली आग एक गंभीर समस्या बन गई है। इससे वन्यजीवों, वनस्पतियों और पर्यावरण को भारी नुकसान होता है। इस चुनौती से निपटने के लिए ओडिशा के जंगलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित अत्याधुनिक कैमरों की तैनाती की गई है।
तीव्र चेतावनी प्रणाली से आग पर त्वरित नियंत्रण
AI कैमरा की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह 20 किलोमीटर की दूरी से आग का सटीक पता लगा सकता है और वन विभाग को महज 3 से 4 मिनट में आग लगने की सूचना मिल जाएगी। यह पारंपरिक उपग्रह आधारित प्रणाली की तुलना में कहीं अधिक तेज और प्रभावी साबित होगी। पहले भारतीय वन सर्वेक्षण (FSI) और मूडीज सैटेलाइट के माध्यम से दिन में चार बार जंगल में आग की घटनाओं का पता लगाया जाता था, जिससे सूचना मिलने में 3 से 6 घंटे लगते थे।
ओडिशा में AI कैमरों की तैनाती
ओडिशा के सिमिलिपाल नेशनल पार्क (SNP) में 5 AI कैमरे लगाए गए हैं, जबकि अन्य जंगलों में 6 और आधुनिक AI कैमरे जल्द ही लगाए जाएंगे। इन कैमरों की एक और खासियत यह है कि वे प्राकृतिक आग और कृत्रिम रोशनी के बीच अंतर को भी पहचान सकते हैं, जिससे वन विभाग को सही और वास्तविक आंकड़े मिलेंगे।
भारत में जंगल की आग के आंकड़े
2022:
- जंगल में आग लगने की घटनाएं: 21,996
- जंगल के बाहर आग की घटनाएं: 6,459
- कुल आग की घटनाएं: 28,755
- आग पर नियंत्रण: 26,348 बार (91.6%)
- प्रभावित क्षेत्र: 8,414.55 हेक्टेयर
2023:
- जंगल में आग: 29,205 बार
- जंगल के बाहर आग: 7,508 बार
- कुल आग का पता चला: 36,713 बार
- आग पर नियंत्रण: 36,321 बार
2024 (1 जनवरी – 26 फरवरी तक)
- जंगल में आग: 17,014 स्थानों पर
- जंगल के बाहर आग: 5,854 स्थानों पर
- कुल आग का पता चला: 22,868 बार
- आग पर नियंत्रण: 22,837 बार (99.86%)
- प्रभावित क्षेत्र: 4,067.05 हेक्टेयर
2025 में अब तक की स्थिति
26 फरवरी 2025 तक ओडिशा के जंगलों में 1,436 स्थानों पर और जंगल के बाहर 1,377 स्थानों पर आग लग चुकी है। कुल 2,813 आग की घटनाओं का पता चला, जिनमें से 2,802 आग पर काबू पा लिया गया। हालांकि, इस दौरान 908.66 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ।
28 फरवरी 2025 को ओडिशा के जंगलों में 174 नई आग की घटनाएं सामने आईं, जिनमें से 127 पर काबू पा लिया गया, लेकिन 47 स्थानों पर आग अब भी जल रही है।
सबसे ज्यादा प्रभावित वन क्षेत्र
जनवरी 2025 से फरवरी 2025 तक ओडिशा के 2183 स्थानों पर जंगल में आग लगी। इनमें प्रमुख रूप से प्रभावित क्षेत्र हैं:
- नबरंगपुर डिवीजन: 679 आग की घटनाएं
- सुंदरगढ़ डिवीजन: 219 आग की घटनाएं
- संबलपुर सर्कल: 177 आग की घटनाएं
- खारियार डिवीजन: 169 आग की घटनाएं
- बामरा जंगल: 164 आग की घटनाएं
- बालपुर डिवीजन: 161 आग की घटनाएं
- झारसुगुड़ा डिवीजन: 156 आग की घटनाएं
वन विभाग को बारीपदा, क्योंझर, राउरकेला, सुंदरगढ़, देवगढ़, संबलपुर, रेधाखोल, बरगढ़, बलांगीर, सुबरनपुर, नबरंगपुर, मलकानगिरी, रायगड़ा, जयपुर और खारियार वन क्षेत्रों में आग लगने की सूचना मिली है।
जंगल में आग से बचाव के लिए उठाए गए कदम
- 16,000 किलोमीटर पुरानी फायर लाइनों की मरम्मत की गई।
- 15,000 किलोमीटर नई फायर लाइनें बनाई गईं।
- 334 अग्निशमन दस्ते तैनात किए गए।
- 6,700 मोबाइल नंबर आग अलर्ट सिस्टम से जोड़े गए।
- 300 से अधिक विशेष अग्निशमन दस्ते तैनात किए गए।
वन्यजीवों के लिए बढ़ा खतरा
एनटीसीए के पूर्व प्रमुख अनूप कुमार नायक के अनुसार जंगलों में आग लगने से वन्यजीवों के जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। कई बार आग की वजह से जानवर गांवों की ओर भागते हैं, जहां वे शिकारियों का आसान शिकार बन जाते हैं। इसके अलावा, आग से जंगलों में भोजन और पानी की उपलब्धता कम हो जाती है, जिससे जानवरों की मौत की संभावना बढ़ जाती है।
जंगल की आग के कारण और निवारण
आग कैसे फैलती है?
- गर्मी के मौसम में जंगल में सूखे पत्तों और लकड़ियों में आग तेजी से फैलती है।
- कई बार लोग जानबूझकर जंगल में शिकार या जलाऊ लकड़ी इकट्ठा करने के लिए आग लगाते हैं।
निवारण के उपाय
- जंगल के पास रहने वाले लोगों को जागरूक किया जाए।
- जंगल में आग लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
- जंगलों में नियमित रूप से निगरानी की जाए।
सिमिलिपाल नेशनल पार्क में आग की घटनाओं में कमी
एफएसआई के आंकड़ों के अनुसार, सिमिलिपाल नेशनल पार्क में पिछले कुछ वर्षों में आग की घटनाओं में कमी आई है।
- 2020: 599 आग की घटनाएं
- 2021: 2,861 आग की घटनाएं
- 2022: 319 आग की घटनाएं
- 2023: 1,456 आग की घटनाएं
हालांकि, 2024 की शुरुआत में ओडिशा जंगल की आग के मामलों में देश का नंबर एक राज्य बन गया। वन विभाग ने अब तक 60 से अधिक लोगों को जंगल में आग लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
निष्कर्ष
जंगल की आग एक गंभीर समस्या बन गई है, जिससे पर्यावरण और वन्यजीवों को भारी नुकसान होता है। हालांकि, ओडिशा सरकार द्वारा AI कैमरों की तैनाती और आधुनिक तकनीकों के उपयोग से आग पर काबू पाने में काफी मदद मिल रही है। सरकार के इन प्रयासों के बावजूद लोगों को जागरूक करना और आग की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाना बेहद जरूरी है।