
उत्तराखंड की राजनीति में बड़ी खबर है, जहां बीजेपी के विधायक आदेश चौहान को सीबीआई कोर्ट ने पुलिस कस्टडी में मारपीट के मामले में सजा सुनाई है। इस फैसले में विधायक के साथ तीन पुलिसकर्मी और उनकी भांजी भी दोषी पाए गए हैं। सोमवार 26 मई को सुनाए गए इस निर्णय से राज्य में हलचल मची है।
मामले की पूरी जानकारी
यह विवाद 2009 का है, जब आदेश चौहान विधायक नहीं थे। उनके परिवार में पारिवारिक विवाद के कारण उनकी भांजी दीपिका और उसके पति मनीष के बीच झगड़ा हुआ था। दीपिका की शिकायत पर मनीष को पुलिस ने हिरासत में लिया था। हालांकि बाद में दोनों परिवारों ने समझौता कर लिया था और मनीष-दीपिका का तलाक भी हो गया। लेकिन 2019 में मनीष ने मारपीट की शिकायत दर्ज कराई, जिससे मामला फिर से कोर्ट में आया।
उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने जांच शुरू की। शुरुआती जांच में आदेश चौहान का नाम नहीं था, लेकिन 2021 में उनका नाम आरोपी सूची में शामिल कर लिया गया। जांच के दौरान आरोप सही पाए गए और अब कोर्ट ने विधायक आदेश चौहान, उनकी भांजी दीपिका, तीन पुलिसकर्मियों सहित कुल पांच लोगों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है।
सजा और आरोप
विधायक आदेश चौहान और उनकी भांजी दीपिका को कोर्ट ने छह-छह महीने की सजा सुनाई है, जबकि तीन पुलिसकर्मियों को एक साल की सजा दी गई है। इस दौरान एक पुलिसकर्मी की पहले ही मृत्यु हो चुकी है। हालांकि, सजा के बाद सभी आरोपियों को जमानत मिल गई है।
विधायक आदेश चौहान ने कहा, “यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है, बल्कि पारिवारिक विवाद था। पुलिस स्टेशन जाना जरूरी था, अब कोर्ट ने फैसला दिया है, आगे देखेंगे।”
वकील का बयान
विधायक के वकील नीरज कांबोज ने बताया कि कुल पांच आरोपी थे, जिनमें से आरके चमोली का पहले ही निधन हो चुका है। कुछ धाराओं में आरोपियों को दोषमुक्त किया गया है, जबकि कुछ में सजा सुनाई गई है।
यह मामला न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना है, बल्कि कानून और व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है। इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि कानून के समक्ष सभी बराबर हैं, चाहे वे राजनीतिक पद पर हों या नहीं। अब यह देखना होगा कि इस फैसले का आगे क्या प्रभाव पड़ता है।