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देहरादून में 18 जून से शुरू होगी नेशनल जूनियर पिट्टू चैंपियनशिप, 24 राज्यों के 700 खिलाड़ी होंगे शामिल

National Junior Pittu Championship will start from June 18 in Dehradun, 700 players from 24 states will participate

देहरादून, 18 जून 2025 — उत्तराखंड की राजधानी देहरादून एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर के खेल आयोजन का केंद्र बनने जा रही है। इस बार मौका है नेशनल जूनियर पिट्टू चैंपियनशिप का, जो 18 जून से शुरू होगी। प्रतियोगिता में देश के 24 राज्यों से लगभग 700 खिलाड़ी और खेल अधिकारी भाग लेंगे। उद्घाटन समारोह में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे।

उत्तराखंड को मिली मेज़बानी

उत्तराखंड पिट्टू एसोसिएशन के सचिव अश्वनी भट्ट ने जानकारी दी कि इस आयोजन की मेज़बानी पिट्टू फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा उत्तराखंड को सौंपी गई है। आयोजन की तैयारियों में राज्य सरकार और खेल विभाग दोनों ही सक्रिय रूप से जुटे हुए हैं। खेल आयोजन देहरादून में विभिन्न खेल परिसरों में संपन्न होगा।

पारंपरिक खेल की आधुनिक पहचान

पिट्टू, जिसे पहले गलियों और मोहल्लों में खेला जाता था, अब एक संगठित खेल के रूप में पहचान बना चुका है। पिट्टू फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा इसे संरचित और प्रतिस्पर्धात्मक स्वरूप प्रदान किया गया है। अब इसमें निश्चित नियम, निर्धारित मैदान और खिलाड़ियों की संख्या तय कर दी गई है, जिससे इसे एक व्यवस्थित राष्ट्रीय खेल का दर्जा मिल चुका है।

उत्तराखंड के खिलाड़ी भी दावेदार

उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने हाल ही में हुए नेशनल सब-जूनियर पिट्टू चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए रजत पदक जीता था। राज्य की टीम इस बार घरेलू मैदान में खेलने का लाभ उठाते हुए खिताब जीतने की उम्मीदों के साथ मैदान में उतरेगी। स्थानीय आयोजकों का कहना है कि खिलाड़ियों को हर संभव सुविधा और प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

मध्य प्रदेश बना सबसे मजबूत टीम

अब तक के प्रदर्शन को देखते हुए मध्य प्रदेश की टीम को सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। सीनियर और जूनियर दोनों ही स्तर पर उनका रिकॉर्ड बेहतरीन रहा है। टीम फिलहाल देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में अभ्यास कर रही है।

आधुनिक पिट्टू के नियम

आधुनिक पिट्टू खेल में दो टीमें होती हैं, प्रत्येक टीम में छह खिलाड़ी मैदान पर रहते हैं और चार रिजर्व होते हैं। खेल का मैदान 14×26 मीटर का होता है और प्रत्येक मैच चार पारियों में खेला जाता है, हर पारी की अवधि पाँच मिनट होती है। खेल में उपयोग होने वाली गेंद रबर की होती है जिसका वजन 60 से 75 ग्राम के बीच होता है। सात पिट्टुओं का सेट तकनीकी मानकों के अनुसार तय किया गया है।

पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहन

देहरादून में आयोजित यह चैंपियनशिप पारंपरिक खेलों को नए आयाम देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन का मौका मिलेगा, बल्कि पारंपरिक खेलों की लोकप्रियता और स्वीकार्यता को भी नया बल मिलेगा। उत्तराखंड इस आयोजन के ज़रिए देशभर के खिलाड़ियों का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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