
चमोली, 21 जून 2025: उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा परिसर में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस गरिमामय माहौल में मनाया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ आठ देशों के राजनयिकों, छात्र-छात्राओं, अधिकारियों और स्थानीय नागरिकों ने सामूहिक योगाभ्यास में भाग लिया। आयोजन का मुख्य उद्देश्य योग के सार्वभौमिक महत्व को दर्शाना और जनमानस को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाना था।
योग सत्र का हुआ मंत्रोच्चार से शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार और दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिससे पूरे परिसर में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ। योग सत्र का संचालन प्रसिद्ध योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण ने किया। उनके मार्गदर्शन में प्रशिक्षकों ने लोगों को ताड़ासन, वज्रासन, वृक्षासन, भुजंगासन, प्राणायाम और अनुलोम-विलोम जैसे योग अभ्यास कराए। प्रतिभागियों को प्रत्येक आसन के लाभों के बारे में विस्तार से बताया गया।
मुख्यमंत्री ने दिया आत्मा और स्वास्थ्य को जोड़ने का संदेश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि योग केवल शरीर को स्वस्थ रखने का साधन नहीं, बल्कि यह आत्मा और परमात्मा को जोड़ने की प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में योग को वैश्विक पहचान मिली है और अब उत्तराखंड को योग का अंतरराष्ट्रीय केंद्र बनाने की दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है।
विदेशी मेहमानों की सराहनीय सहभागिता
कार्यक्रम में मैक्सिको, नेपाल, फिजी, सूरीनाम, मंगोलिया, लातविया, श्रीलंका और रूस से आए राजनयिकों ने भी भाग लिया। उन्होंने भारत की प्राचीन योग परंपरा का अनुभव करते हुए विभिन्न योग मुद्राओं में भाग लिया। साथ ही उत्तराखंड की प्रकृति और आध्यात्मिक वातावरण की सराहना करते हुए इसे शांति का प्रतीक बताया।
योग नीति पुस्तिका का विमोचन
इस विशेष मौके पर मुख्यमंत्री और विदेशी प्रतिनिधियों द्वारा राज्य की नई ‘योग नीति पुस्तिका’ का विमोचन भी किया गया। इस पुस्तिका में सरकार की ओर से योग को बढ़ावा देने, प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने और आमजन को जोड़ने की योजनाएं सम्मिलित हैं।
राज्यभर में योग दिवस का जोश
भराड़ीसैंण के अलावा पूरे उत्तराखंड में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बड़े उत्साह से मनाया गया। विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी विभागों और सामाजिक संगठनों ने अपने-अपने क्षेत्रों में योग सत्र आयोजित किए। लोगों ने संकल्प लिया कि वे योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाकर न केवल स्वयं को, बल्कि समाज को भी स्वस्थ बनाएंगे।
यह आयोजन न केवल उत्तराखंड बल्कि देश और विदेश के लिए भी एक प्रेरणास्रोत बनकर उभरा, जिसमें योग, संस्कृति और कूटनीतिक सौहार्द का सुंदर समावेश देखने को मिला।