आपदा संवेदनशील क्षेत्रों में नया निर्माण पूरी तरह वर्जित, सीएम धामी का सख्त निर्देश
New construction is completely prohibited in disaster sensitive areas, strict instructions from CM Dhami
देहरादून: उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री आवास में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में उन्होंने भूस्खलन, हिमस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में किसी भी प्रकार के नए निर्माण या बसावट पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए।
संवेदनशील क्षेत्रों की होगी पहचान
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रदेश में ऐसे सभी क्षेत्रों की तुरंत पहचान की जाए, जहां प्राकृतिक आपदाओं का खतरा अधिक है। इन स्थानों को चिह्नित कर न केवल नए निर्माण को रोका जाएगा, बल्कि यहां बसावट से जुड़े किसी भी प्रकार के कार्य पर भी प्रतिबंध रहेगा।
नदियों और जल स्रोतों के किनारे निर्माण पर सख्त रोक
सीएम धामी ने स्पष्ट किया कि नदियों, नालों और प्राकृतिक जल स्रोतों के किनारों पर सरकारी और निजी दोनों प्रकार के निर्माण सख्ती से वर्जित होंगे। उन्होंने कहा कि जल स्रोतों की सुरक्षा और प्राकृतिक प्रवाह को बनाए रखना आपदा प्रबंधन का अहम हिस्सा है।
जिलाधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को आदेश दिया कि इस निर्णय को लागू करने के लिए तुरंत दिशा-निर्देश जारी किए जाएं और इनके क्रियान्वयन की कड़ी निगरानी की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि आदेश का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रोकथाम को दी जाएगी प्राथमिकता
बैठक में सीएम धामी ने कहा कि आपदाओं से बचाव के लिए केवल राहत और बचाव कार्यों पर निर्भर नहीं रहा जा सकता। रोकथाम और सुरक्षा उपायों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए, ताकि संभावित नुकसान को पहले ही टाला जा सके। उन्होंने संवेदनशील क्षेत्रों में जनहित के ठोस कदम उठाने पर जोर दिया।
उच्च स्तरीय बैठक में उपस्थित अधिकारी
बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, एडीजी ए.पी. अंशुमान, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते और अपर सचिव बंशीधर तिवारी शामिल हुए। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को आपदा प्रबंधन से जुड़े मौजूदा हालात और भविष्य की कार्ययोजना के बारे में अवगत कराया।
राज्य की आपदा संवेदनशीलता
उत्तराखंड पहाड़ी भू-भाग, ग्लेशियरों और नदियों के किनारे बसे क्षेत्रों के कारण प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। हाल के वर्षों में भूस्खलन, बाढ़ और हिमस्खलन की घटनाओं ने जन-धन का बड़ा नुकसान किया है। मुख्यमंत्री का यह निर्णय आपदा जोखिम को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
आगे की कार्ययोजना
सरकार अब इन संवेदनशील क्षेत्रों में आपदा जोखिम मूल्यांकन, भूमि उपयोग नियोजन और जनजागरूकता कार्यक्रम चलाने पर भी काम करेगी। साथ ही, मौजूदा बसावट और निर्माण की सुरक्षा जांच कर आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे। सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य लोगों की जान-माल की रक्षा और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना है।



