
देहरादून: भौगोलिक रूप से चुनौतीपूर्ण उत्तराखंड में दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंच को आसान बनाने के लिए राज्य सरकार ने हवाई सेवाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर जोर दिया है। पिछले दो सालों में आठ प्रमुख स्थानों पर हैलीपोर्ट तैयार किए गए हैं, जबकि छह अन्य स्थानों पर निर्माण कार्य जारी है।
राज्य में तैयार हुए आठ हैलीपोर्ट
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) ने सहस्रधारा, श्रीनगर, गौचर, चिन्यालीसौड़, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, और मुनस्यारी में हैलीपोर्ट का निर्माण पूरा कर लिया है। ये सभी अब नियमित हवाई सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावा, त्रिजुगीनारायण, जोशीमठ, मसूरी, रामनगर, बागेश्वर और हरिद्वार में हैलीपोर्ट निर्माण कार्य प्रगति पर है, जो अगले एक साल में पूरा होने की उम्मीद है।
100 से अधिक हैलीपैड तैयार
यूकाडा के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी दयानंद सरस्वती के अनुसार, राज्य में अब 100 से अधिक हैलीपैड उपलब्ध हैं। ये हवाई यात्री सेवाओं और आपातकालीन परिस्थितियों में संचालन के लिए तैयार हैं। इस तरह उत्तराखंड ने दूरस्थ क्षेत्रों तक एयर कनेक्टिविटी के लिए ठोस बुनियादी ढांचा स्थापित कर लिया है।
जौलीग्रांट और पंतनगर एयरपोर्ट का विस्तार
राज्य सरकार ने जौलीग्रांट और पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तार की प्रक्रिया शुरू की है। पंतनगर एयरपोर्ट का विकास ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के रूप में किया जा रहा है, जबकि जौलीग्रांट एयरपोर्ट का विस्तार अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार किया जा रहा है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है।
क्या है हैलीपोर्ट?
हैलीपोर्ट एक ऐसा स्थान है जहां कई हेलीकॉप्टरों के लिए पार्किंग, मेंटीनेंस (हैंगर) सुविधाएं, और यात्रियों के लिए कैंटीन, शौचालय, और विश्राम की व्यवस्था होती है। इसका निर्माण एयरपोर्ट की तर्ज पर किया जाता है।
तीर्थाटन और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
उत्तराखंड में हवाई सेवाओं का विकास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस सपने का हिस्सा है, जिसमें देश के आम आदमी को भी हवाई सफर का मौका देने की बात कही गई है। उड़ान योजना और मुख्यमंत्री उड़नखटोला योजना के तहत इन सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि इन प्रयासों से राज्य में तीर्थाटन और पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।