
देहरादून, 27 जून 2025: उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संगठनात्मक ढांचे में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। लंबे समय से चर्चा में चल रहे प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर अब तस्वीर साफ होती दिख रही है। बीजेपी हाईकमान ने शुक्रवार को प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से शुरू कर दिया है। इसके तहत उत्तराखंड में चुनाव की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री और सांसद हर्ष मल्होत्रा को सौंपी गई है।
तीन राज्यों में एक साथ चुनाव प्रक्रिया
बीजेपी संगठन चुनाव के राष्ट्रीय रिटर्निंग ऑफिसर डॉक्टर के. लक्ष्मण द्वारा जारी पत्र के अनुसार, उत्तराखंड के साथ-साथ महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में भी प्रदेश अध्यक्षों को बदले जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। महाराष्ट्र में कैबिनेट मंत्री किरण रिजिजू और पश्चिम बंगाल में रविशंकर प्रसाद को यह जिम्मेदारी दी गई है।
महेंद्र भट्ट का कार्यकाल खत्म, अब नए नेतृत्व की तलाश
उत्तराखंड में वर्तमान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है। पार्टी अब नए चेहरे की तलाश में है जो संगठन को आगामी लोकसभा चुनावों से पहले एक नई दिशा दे सके। महेंद्र भट्ट के कार्यकाल में संगठन ने कई उपलब्धियां हासिल कीं, लेकिन अब पार्टी में नए जोश और नेतृत्व की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
अध्यक्ष पद की दौड़ में कई दावेदार
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए पार्टी के भीतर कई नाम चर्चा में हैं। इन संभावित दावेदारों में आदित्य कोठारी, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, वरिष्ठ नेता विनोद चमोली, भगवती प्रसाद और आशा नौटियाल प्रमुख हैं। पार्टी हाईकमान इस बार ऐसा चेहरा चुनना चाहता है जो संगठन के हर स्तर पर मजबूती से काम कर सके और प्रदेश में पार्टी की पकड़ को और मजबूत बनाए।
हर्ष मल्होत्रा की नियुक्ति का महत्व
हर्ष मल्होत्रा की नियुक्ति को राजनीतिक विश्लेषकों द्वारा एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। मल्होत्रा संगठन में लंबे समय से सक्रिय हैं और उनकी छवि एक रणनीतिक और निष्पक्ष नेता की रही है। उनके नेतृत्व में प्रदेश अध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से पूरी होने की संभावना है।
उत्तराखंड बीजेपी में संगठनात्मक बदलाव की यह प्रक्रिया आने वाले चुनावी माहौल में काफी अहम मानी जा रही है। नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति से पार्टी को नई दिशा और ऊर्जा मिलने की उम्मीद है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी किस चेहरे को प्रदेश की कमान सौंपती है और वह नेता किस तरह से संगठन को आगे लेकर जाता है।