
देहरादून। उत्तराखंड में निकाय चुनावों की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया है, जिसके तहत 23 जनवरी को मतदान होगा और 25 जनवरी को परिणाम घोषित किए जाएंगे। इसके साथ ही प्रदेश में आचार संहिता लागू हो गई है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चुनावी तैयारियों को लेकर कमर कस ली है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने जानकारी दी कि 24 और 25 दिसंबर को कुमाऊं और गढ़वाल मंडलों के पर्यवेक्षकों की बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिनमें प्रत्याशियों का चयन चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा।
भाजपा की रणनीति: प्रत्याशियों का होगा चयन
महेंद्र भट्ट ने बताया कि 24 दिसंबर को कुमाऊं मंडल के पर्यवेक्षकों की बैठक होगी, जबकि 25 दिसंबर को गढ़वाल मंडल के पर्यवेक्षक जुटेंगे। इन बैठकों में नगर निगम, नगर पालिका, और नगर पंचायतों के सभी संभावित प्रत्याशियों के नामों को जांचा-परखा जाएगा। उन्होंने कहा, “पर्यवेक्षकों की बैठक में प्रत्याशियों के नामों को फिल्टर किया जाएगा। 26 दिसंबर के बाद प्रत्याशियों की घोषणा चरणबद्ध तरीके से की जाएगी।”
निकाय चुनाव का कार्यक्रम
- नामांकन की तिथि: 27 से 30 दिसंबर
- नामांकन पत्रों की जांच: 31 दिसंबर
- नाम वापसी की अंतिम तिथि: 2 जनवरी
- मतदान: 23 जनवरी
- मतगणना और परिणाम: 25 जनवरी
आरक्षण की फाइनल सूची जारी
राज्य निर्वाचन आयोग ने निकाय चुनावों की आरक्षण सूची भी जारी कर दी है। इसके साथ ही चुनाव प्रक्रिया ने औपचारिक रूप ले लिया है। चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।
भाजपा का दावा: पूरी तैयारी के साथ उतरेंगे चुनाव में
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि पार्टी पूरी तैयारी के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी। “हमारी रणनीति साफ और मजबूत है। 24 और 25 दिसंबर को होने वाली पर्यवेक्षकों की बैठक के बाद प्रत्याशियों की सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा, जो भाजपा की जीत सुनिश्चित करेगी,” उन्होंने कहा।
निकाय चुनावों के ऐलान से प्रदेश का सियासी माहौल गर्म हो गया है। विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। अब सभी की निगाहें 23 जनवरी पर टिकी हैं, जब प्रदेश की जनता अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करेगी।