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उत्तराखंड विधानसभा का डिजिटल बजट सत्र शुरू, पहली बार पेपरलेस कार्यवाही

Digital budget session of Uttarakhand Vidhansabha begins, paperless proceedings for the first time

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र औपचारिक रूप से प्रारंभ हो गया है। इस ऐतिहासिक सत्र की शुरुआत राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) के अभिभाषण के साथ हुई। दोपहर 3 बजे से विधिवत रूप से कार्यवाही शुरू हुई, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने अभिभाषण का पारण किया।

राज्यपाल के अभिभाषण के मुख्य बिंदु

राज्यपाल ने अपने संबोधन में प्रदेश सरकार की प्रमुख योजनाओं, उपलब्धियों और नीतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जिसने समान नागरिक संहिता (UCC) लागू की है। यह कदम विशेष रूप से महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया है।

इसके अलावा, उन्होंने दंगा विरोधी कानून पर भी जोर दिया, जिसके अंतर्गत दंगों में सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली की जाएगी।

विपक्ष का विरोध और सदन में हंगामा

राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस विधायकों ने विरोध प्रदर्शन किया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि सरकार महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा से बचने का प्रयास कर रही है।

विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस भी देखी गई। कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट और संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बीच तकरार हो गई, जबकि धारचूला से विधायक हरीश धामी ने आरोप लगाया कि जनहित से जुड़े विषयों को लेकर पर्याप्त समय नहीं दिया जा रहा है।

बजट सत्र की खासियत – उत्तराखंड की पहली डिजिटल विधानसभा

इस बार का बजट सत्र पूरी तरह डिजिटल माध्यम से संचालित किया जा रहा है। राज्य सरकार ने ई-नेवा (NeVA – National e-Vidhan Application) प्रणाली को अपनाया है, जिससे विधानसभा की सभी कार्यवाही पेपरलेस हो गई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में ई-विधान एप्लीकेशन का उद्घाटन किया, जिसके बाद अब विधायकों को कार्यसूची, प्रश्नोत्तर, बजट दस्तावेज और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी डिजिटल रूप से उपलब्ध होगी। प्रत्येक विधायक की सीट पर टैबलेट इंस्टॉल किए गए हैं, जिससे वे सदन की कार्यवाही को आसानी से ट्रैक कर सकेंगे।

बजट सत्र में उठाए जाने वाले प्रमुख मुद्दे

विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों द्वारा 521 सवाल उठाए गए हैं, वहीं कई अहम विधेयकों पर भी चर्चा होगी। आगामी 20 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया जाएगा।

विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण में गैरसैण और चारधाम यात्रा का उल्लेख न होने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने मांग की कि इन महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा की जाए।

राज्यपाल के अभिभाषण के प्रमुख विषय

  1. उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू।
  2. दंगा विरोधी कानून के तहत हिंसा करने वालों से क्षति की भरपाई।
  3. राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन की सराहना।
  4. गैरसैण और चारधाम यात्रा पर कोई चर्चा नहीं।
  5. सेतु आयोग के गठन की घोषणा।
  6. ग्लोबल उत्तराखंड इन्वेस्टर समिट का जिक्र।
  7. अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंड सम्मेलन पर चर्चा।
  8. विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं अंतरराष्ट्रीय एक्सपो का उल्लेख।
  9. आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण का जिक्र।
  10. वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत उत्तरकाशी के जादुंग गांव के पुनर्निर्माण की योजना।
  11. प्रदेश में 13 नए हेलीपोर्ट विकसित करने की घोषणा।

लैंसडाउन विधायक का रुख और संभावित बहिष्कार

हाल ही में विधानसभा सत्र के बहिष्कार की घोषणा करने वाले लैंसडाउन से भाजपा विधायक दलीप सिंह रावत इस बार सत्र में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण का सम्मान करना उनका कर्तव्य है।

हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि वन अधिनियम पर चर्चा नहीं हुई, तो वे अगले दिन से सत्र का बहिष्कार कर सकते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से तीन से चार घंटे तक इस विषय पर बहस कराने की मांग की है।

आगे क्या होगा?

बजट सत्र के आगामी दिनों में सरकार और विपक्ष के बीच कड़ा टकराव देखने को मिल सकता है। 20 फरवरी को राज्य का वार्षिक बजट पेश किया जाएगा, जिस पर विस्तृत चर्चा होगी।

सरकार का कहना है कि यह सत्र निर्धारित समय के भीतर प्रभावी तरीके से संचालित किया जाएगा, जबकि विपक्ष सत्र की अवधि बढ़ाने और जनहित से जुड़े मुद्दों को सदन में उठाने की मांग पर अडिग है।

डिजिटल विधानसभा और महत्वपूर्ण विधेयकों की प्रस्तुति के साथ यह बजट सत्र उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकता है।

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