Blogउत्तराखंड

पौड़ी गढ़वाल में मवेशियों पर बीमारी की मार: 1 महीने में 8 से 10 मौतें, सैंपल जांच के लिए भेजे गए

Disease hits cattle in Pauri Garhwal: 8 to 10 deaths in 1 month, samples sent for testing

श्रीनगर: पौड़ी गढ़वाल जिले के थलीसैंण ब्लॉक में पशुपालकों पर संकट मंडरा रहा है। गंगाऊ, कोटा, भीड़ा समेत कई गांवों में मवेशी अचानक बीमार होकर दम तोड़ रहे हैं। पशु चिकित्सक अभी तक बीमारी की सटीक पहचान नहीं कर सके हैं, लेकिन ग्रास पॉइजनिंग (जहरीली घास खाने) की आशंका जताई जा रही है।

बीमारी के लक्षण और पशुओं की मौत का सिलसिला

पशु पालकों के अनुसार मवेशियों के पेट में दर्द होता है, नाक से खून बहता है, और थोड़ी देर तड़पने के बाद उनकी मौत हो जाती है। बीते महीने में 8 से 10 मवेशी दम तोड़ चुके हैं, जबकि फिलहाल 18 मवेशी बीमार बताए जा रहे हैं।

ग्रामीणों और विभाग की सक्रियता

ग्राम प्रधान रेखा देवी ने बताया कि ग्रामीण इस अज्ञात बीमारी से चिंतित हैं। पशु पालन विभाग को सूचना देने पर विभागीय टीम ने गांव का दौरा कर मवेशियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया और दवाइयां दीं। सीवीओ डॉ. विशाल शर्मा ने बताया कि मृत मवेशियों के सैंपल बरेली की प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए हैं।

प्रारंभिक निष्कर्ष और एहतियाती उपाय

डॉ. शर्मा ने प्रथम दृष्टया जहरीली घास खाने की संभावना जताई है। पशु चिकित्सा विभाग ने क्षेत्र में दवाओं के साथ टीमों को तैनात किया है और ग्रामीणों से अपील की है कि मवेशियों के पानी के बर्तन और चुगान स्थलों को साफ रखें। मवेशियों के कमरों में चूने का छिड़काव करने का भी सुझाव दिया गया है।

जांच और रोकथाम पर जोर

थलीसैंण की टीम ने मृत मवेशियों के सीरम और गोबर के सैंपल भेजे हैं। आगे खून के सैंपल भी लिए जा रहे हैं। फिलहाल 96 मवेशियों का चेकअप किया जा चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि जल्द रिपोर्ट आने के बाद बीमारी की सही पहचान होगी और प्रभावी उपाय अपनाए जा सकेंगे।

ग्रामीणों की अपील

ग्रामीणों ने सरकार और पशुपालन विभाग से इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने की मांग की है। विभागीय टीम ने आश्वासन दिया है कि रिपोर्ट आने के बाद बीमारी की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button