सीएम धामी ने गुप्तकाशी में बाल विज्ञान महोत्सव का उद्घाटन किया — सीमांत बच्चों के लिए नई दिशा
CM Dhami inaugurates Children's Science Festival in Guptkashi — a new direction for marginalized children

रुद्रप्रयाग: मिसाइल मैन भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुप्तकाशी में चौथे बॉर्डर माउंटेन चिल्ड्रन साइंस फेस्टिवल (सीमांत पर्वतीय बाल विज्ञान महोत्सव) का उद्घाटन किया। सीएम धामी ने कहा कि राज्य में केवल शैक्षणिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि तकनीकी विशेषज्ञता को भी प्राथमिकता दी जा रही है। उत्तराखंड नई शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला राज्य बन चुका है।
बच्चों की प्रतिभा और जिज्ञासा को प्रोत्साहन
सीएम धामी ने महोत्सव में उपस्थित बाल वैज्ञानिकों से संवाद किया और उनके सवालों का समाधान किया। बच्चों ने जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक जल संसाधन, आपदा प्रबंधन, ऊर्जा संरक्षण और विज्ञान-प्रौद्योगिकी के अन्य पहलुओं पर चर्चा की। सीएम ने कहा, “बाल विज्ञान महोत्सव बच्चों के सपनों को आगे बढ़ाने का एक मंच है और सीमांत क्षेत्रों के बच्चों को नई दिशा देने का अवसर प्रदान करता है।”
यूकॉस्ट रुद्रप्रयाग डैशबोर्ड का विमोचन
इस अवसर पर सीएम धामी ने यूकॉस्ट रुद्रप्रयाग डैशबोर्ड पुस्तक का विमोचन किया। यह जीआईएस आधारित रिमोट सिस्टम डैशबोर्ड है, जिसमें राज्य के विभिन्न विभागों की योजनाओं और सूचनाओं को एक ही प्लेटफॉर्म पर देखा जा सकेगा।
राज्य की विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति
सीएम धामी ने बताया कि राज्य ने पहली बार ‘विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति’ लागू की है। प्रदेश में साइंटिफिक रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए जिले-दर-जिले इनोवेशन सेंटर खोले जा रहे हैं। सरकार का लक्ष्य युवाओं को नवाचार और उद्यमिता में संलग्न कर, विज्ञान-आधारित ज्ञान अर्थव्यवस्था को बढ़ाना है।
सुविधाओं और विकास पर घोषणाएं
सीएम धामी ने कहा कि देहरादून जल्द ही देश का पांचवां विज्ञान नगर बन जाएगा। उन्होंने जवाहर नवोदय विद्यालय के विकास के लिए 50 लाख रुपये आवंटित किए जाने की घोषणा की। इसके अलावा, स्कूल में सौर ऊर्जा का बढ़ावा और एक आपदा प्रबंधन केंद्र भी स्थापित किया जाएगा।
सीएम धामी ने बाल विज्ञान महोत्सव को सीमांत बच्चों के लिए एक अवसर और प्रेरणा का प्लेटफॉर्म बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा, विज्ञान और नवाचार को प्रोत्साहित कर भविष्य के वैज्ञानिकों और उद्यमियों को मजबूत आधार दे रही है। यह पहल उत्तराखंड को शिक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।