- वीर सावरकर (विनायक दामोदर सावरकर) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता थे, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बलिदान किया। सावरकर ने भारतीय स्वतंत्रता के लिए न केवल संघर्ष किया, बल्कि भारतीय राजनीति और समाज सुधार में भी अपनी भूमिका निभाई।
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- 1. क्रांतिकारी गतिविधियाँ: सावरकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपने क्रांतिकारी विचारों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आवाज़ उठाई और विदेशी शासन के खिलाफ सशस्त्र क्रांति का समर्थन किया। वे ‘अभिनव भारत’ नामक संगठन के संस्थापक थे, जिसने भारत में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ क्रांतिकारी आंदोलन चलाया।
2. अंडमान जेल में कठोर सजा: ब्रिटिश सरकार ने सावरकर को 1909 में इंग्लैंड में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए किए गए कार्यों के कारण गिरफ्तार किया था। उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी गई और कुख्यात सेल्युलर जेल (अंडमान निकोबार द्वीप समूह) में भेजा गया, जहां उन्होंने 10 साल से अधिक समय तक कठोर सजा भोगी।
3. हिंदुत्व का विचार: सावरकर ने ‘हिंदुत्व’ शब्द की परिभाषा दी और इसे भारतीय समाज की एकता के रूप में प्रस्तुत किया। उनका मानना था कि हिंदू संस्कृति और राष्ट्रवाद भारत की आजादी के लिए एकजुटता का आधार हो सकते हैं।
4. लेखन के माध्यम से प्रेरणा: सावरकर ने कई महत्वपूर्ण साहित्यिक कार्य किए। उनकी पुस्तकें और कविताएं भारत के लोगों में राष्ट्रवादी विचारधारा को प्रोत्साहित करने का एक साधन बनीं। उनका प्रसिद्ध लेख “1857 का स्वतंत्रता समर” ने 1857 की क्रांति को भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम बताया।
सवरकर का जीवन त्याग, बलिदान और देशभक्ति की मिसाल है। वे भारतीय इतिहास के उन महान नायकों में से एक हैं, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था।