उत्तराखंड में कर्मचारियों की पदोन्नति को लेकर सख्ती: मुख्य सचिव ने 1 जुलाई तक प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए
Strictness regarding promotion of employees in Uttarakhand, Chief Secretary gave instructions to complete the process by July 1

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को समय पर पदोन्नति का लाभ दिलाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि 1 जुलाई 2025 तक जिन भी कर्मचारियों की पदोन्नति लंबित है और वे इसके पात्र हैं, उन्हें अनिवार्य रूप से प्रमोशन दिया जाए। इसके साथ ही उन्होंने पदोन्नति की प्रक्रिया में किसी प्रकार की लापरवाही न बरतने की सख्त हिदायत दी है।
पदोन्नति की देरी से भर्तियों पर असर
मुख्य सचिव ने कहा कि पदोन्नति में देरी से सरकारी कार्यों में प्रभाव पड़ता है और रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया भी रुक जाती है। राज्य सरकार पहले ही विभिन्न विभागों में हजारों पदों को भरने की बात कह चुकी है, लेकिन प्रमोशन प्रक्रिया समय पर पूरी न होने के कारण कई पद खाली नहीं हो पाते। जिससे नई भर्तियां भी नहीं हो पाती हैं और बेरोजगार युवाओं को अवसर नहीं मिल पाता।
राज्य में इस समय करीब 25,000 पद रिक्त बताए जा रहे हैं। यदि समय पर पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी होती है तो कई पद स्वतः रिक्त होंगे, जिन पर नई भर्तियां की जा सकती हैं। इससे न केवल विभागों में कामकाज सुचारू होगा बल्कि युवाओं को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
गोपनीय प्रविष्टियों में लापरवाही पर नाराजगी
मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि (ACR) दर्ज करने में लापरवाही को लेकर भी नाराजगी जताई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी प्रतिवेदक और समीक्षक समय रहते कर्मचारियों की ACR पर अपनी टिप्पणियां दर्ज करें। इससे पदोन्नति की प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहेगी और योग्य कर्मचारियों को समय पर उनका अधिकार मिल सकेगा।
समयबद्ध और पारदर्शी प्रक्रिया का आग्रह
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देशित किया है कि वे समयबद्ध रूप से प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी करें और कर्मचारियों की कठिनाइयों को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। इसके साथ ही ACR और प्रमोशन की प्रगति की समय-समय पर समीक्षा करने को भी कहा गया है।
यह कदम सरकारी कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।