
देहरादून, उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में न्याय विभाग से संबंधित मुद्दों पर महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने न्यायालयों में राज्य से जुड़े मामलों में ठोस और प्रभावी पैरवी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया को तेज़ करने के लिए डिजिटल माध्यमों का अधिकतम उपयोग होना चाहिए, जिससे मामलों का समाधान जल्द हो सके। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि राज्य के विकास में नवाचार और नए प्रयोगों को अपनाया जाए।
समानांतर प्रयासों की आवश्यकता
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि न्यायालयों से जुड़े मामलों में पूरी तन्मयता और तत्परता से काम करें। उन्होंने जनहित और राज्य के मुद्दों पर ठोस पैरवी के लिए सरकार और सरकारी अधिवक्ताओं के बीच नियमित समन्वय पर बल दिया। बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य के महत्वपूर्ण मामलों पर डिजिटल उपकरणों का उपयोग बढ़ाया जाएगा ताकि कार्यों में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित की जा सके।
परफोर्मेंस आधारित दृष्टिकोण पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यों के सफल क्रियान्वयन के लिए एक परफोर्मेंस आधारित दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है। कार्यसंस्कृति में नवाचार और सुधार पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सभी को अपनी जिम्मेदारियों का ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए। उन्होंने समस्याओं को कम कर समाधान की दिशा में अधिक फोकस करने की बात कही।
वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति
बैठक में न्याय विभाग से जुड़े कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें एडवोकेट जनरल एस.एन. बाबुलकर, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत, शासकीय अधिवक्ता अमित भट्ट, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, अपर सचिव जे.सी. काण्डपाल सहित अन्य शामिल थे। मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों से कहा कि राज्य की विकास यात्रा में सभी को सहयात्री बनकर कार्य करना है और समग्र विकास के लिए एक नई कार्यसंस्कृति के साथ आगे बढ़ना है।
नवाचार पर ध्यान केंद्रित
मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यसंस्कृति में सुधार और नवाचार बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने पारंपरिक दृष्टिकोण से हटकर अभिनव प्रयोगों को अपनाने पर बल दिया, ताकि राज्य के जनहित से जुड़े विभिन्न मुद्दों का प्रभावी समाधान हो सके। उन्होंने जनहित में सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय में मामलों की ठोस पैरवी करने का आह्वान किया, जिससे राज्य की न्यायिक और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में सुधार हो सके।
मुख्यमंत्री के अनुसार, राज्य का समग्र विकास तभी संभव है जब सभी विभाग और अधिकारी नई कार्यसंस्कृति के साथ जनहित के मुद्दों पर एकजुट होकर काम करें। बैठक में राज्य के हित से जुड़े विभिन्न मामलों पर व्यापक चर्चा की गई और उनके समाधान के लिए सुझाव भी दिए गए।