उत्तराखंड

देहरादून में पेपर लीक घोटाले को लेकर उग्र प्रदर्शन, युवाओं की CBI जांच की मांग तेज

Violent protests erupt in Dehradun over paper leak scam, youth demand CBI probe

चार दिन से जारी आंदोलन, सड़क पर बना रहे खाना

देहरादून में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के पेपर लीक मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन लगातार तीव्र होता जा रहा है। राजधानी के परेड मैदान से सटी सड़क पर बीते चार दिनों से बेरोजगार युवा धरने पर बैठे हुए हैं। आंदोलनकारी सड़क पर ही भोजन बनाकर प्रदर्शन को अनिश्चितकाल तक जारी रखने की तैयारी में हैं। युवाओं की प्रमुख मांग है कि इस गंभीर मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से कराई जाए।


कोचिंग संस्थानों और छात्रों का मिल रहा समर्थन

उत्तराखंड बेरोजगार संघ के नेतृत्व में चल रहे इस आंदोलन को व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है। देहरादून और आसपास के कोचिंग सेंटरों और कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं भी बड़ी संख्या में धरना स्थल पर पहुंचकर समर्थन दे रहे हैं। रात के अंधेरे में मोबाइल की रोशनी के सहारे युवा प्रदर्शनकारियों के प्रति एकजुटता दिखा रहे हैं, जिससे आंदोलन का उत्साह लगातार बना हुआ है।


सरकार पर सफेदपोशों को बचाने का आरोप

बेरोजगार संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश सिंह ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नकल माफिया से जुड़े बड़े सफेदपोश लोगों पर कार्रवाई करने से सरकार बच रही है। उन्होंने कहा कि सरकार केवल चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और ग्रुप बी-सी के अधिकारियों पर कार्रवाई कर रही है, जबकि असली दोषी अभी भी बच निकल रहे हैं। उनका कहना है कि यह केवल छोटी मछलियों को पकड़ने जैसा है, जबकि बड़ी मछलियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही।


मांगों पर नहीं मिला ठोस आश्वासन, आंदोलन रहेगा जारी

सुरेश सिंह ने बताया कि मंगलवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी, लेकिन कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला। न ही अब तक शासन-प्रशासन का कोई वरिष्ठ अधिकारी धरना स्थल पर युवाओं से बातचीत करने पहुंचा है। इससे प्रदर्शनकारियों में नाराजगी और निराशा दोनों है।


परीक्षा रद्द करने और आयोग अध्यक्ष को हटाने की मांग

संघ ने रविवार को संपन्न हुई परीक्षा को रद्द करने, एक महीने के भीतर दोबारा परीक्षा आयोजित कराने और पूरे पेपर लीक प्रकरण की CBI जांच कराने की मांग दोहराई है। साथ ही, संघ ने UKSSSC के अध्यक्ष जीएस मार्तोलिया को हटाने और संयुक्त आरक्षी भर्ती नियमावली में संशोधन की मांग भी रखी है। जब तक इन मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाए जाते, युवाओं का आंदोलन अनिश्चितकालीन जारी रहेगा।

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