नैनीताल जिला पंचायत चुनाव में बवाल, भाजपा पर वोट डकैती, नेताओं पर हमले और पंचायत सदस्यों के अपहरण का आरोप
Chaos in Nainital district panchayat elections, BJP accused of vote robbery, attack on leaders and kidnapping of panchayat members

नैनीताल, 14 अगस्त 2025 – उत्तराखंड की सियासत इन दिनों नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव के दौरान हुए विवाद को लेकर गरमाई हुई है। कांग्रेस ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि सत्ता पक्ष ने “गुंडागर्दी, वोट डकैती और विपक्षी नेताओं के समर्थकों के अपहरण” जैसी घटनाओं को अंजाम दिया। इस घटनाक्रम ने प्रदेश की राजनीतिक फिज़ा को पूरी तरह हिला दिया है।
चुनाव स्थल पर तनावपूर्ण माहौल
सूत्रों के अनुसार, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, उपनेता भुवन कपाड़ि, विधायक सुमित हृदयेश और पूर्व विधायक संजीव आर्य मतदान प्रक्रिया की निगरानी के लिए चुनाव स्थल पर पहुंचे थे। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा समर्थकों और कुछ पुलिसकर्मियों ने वहां पहले बहसबाजी की और बाद में स्थिति हाथापाई में बदल गई। इस दौरान 30-40 लोगों के समूह ने कांग्रेस समर्थक चार पंचायत सदस्यों पर हमला किया और उन्हें जबरन एक निजी वाहन में डालकर अज्ञात स्थान पर ले जाया गया।
कांग्रेस ने इसे बताया “वोटों पर डकैती”
कांग्रेस नेताओं ने इस घटना को लोकतंत्र पर सीधा हमला करार दिया। उनका कहना है कि यह सिर्फ वोट खरीदने या दबाव बनाने की कोशिश नहीं थी, बल्कि खुलेआम “वोटों पर डकैती” थी। पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा प्रशासनिक तंत्र का दुरुपयोग कर रही है, ताकि विपक्ष को कमजोर किया जा सके और चुनावी नतीजों को अपने पक्ष में मोड़ा जा सके।
भाजपा ने आरोपों को बताया निराधार
इस मामले पर भाजपा की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, पार्टी सूत्रों ने अनौपचारिक रूप से इन आरोपों को “बिना आधार और राजनीतिक नौटंकी” बताया है। भाजपा खेमे का कहना है कि कांग्रेस अपनी हार की आशंका से घबराकर इस तरह के बयान दे रही है और चुनावी प्रक्रिया को विवादित बनाने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन
घटना के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने देहरादून और नैनीताल दोनों जगह जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर दोषियों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की और चेतावनी दी कि यदि अपहृत चारों पंचायत सदस्यों को सुरक्षित नहीं लौटाया गया और दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो आंदोलन पूरे प्रदेश में फैलाया जाएगा। कांग्रेस नेताओं ने मामले को लेकर उच्च न्यायालय जाने और चुनाव स्थगित करने की मांग भी उठाई।
“निष्पक्ष मतदान संभव नहीं” – कांग्रेस
कांग्रेस ने दावा किया कि मौजूदा परिस्थितियों में निष्पक्ष मतदान संभव नहीं है। उनका कहना है कि सत्ता पक्ष पुलिस बल के साथ मिलकर विपक्षी सदस्यों को डरा-धमका रहा है, ताकि चुनावी परिणाम अपने पक्ष में कर सके। पार्टी ने कहा कि जब तक अपहृत पंचायत सदस्य सुरक्षित नहीं लौटते और माहौल सामान्य नहीं होता, तब तक मतदान को आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
चुनाव स्थल पर सुरक्षा बढ़ाई गई
घटना के बाद प्रशासन ने चुनाव स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। भारी पुलिस बल की तैनाती के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में भी अतिरिक्त जवान तैनात किए गए हैं। हालांकि मतदान की प्रक्रिया जारी है, लेकिन माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।
प्रदेश की राजनीति में नई हलचल
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह मामला आने वाले दिनों में न केवल विधानसभा के भीतर गूंजेगा, बल्कि यह सड़क से लेकर अदालत तक एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। नैनीताल जिला पंचायत का यह चुनाव पहले से ही महत्वपूर्ण माना जा रहा था, क्योंकि इसके नतीजों का असर प्रदेश की आगामी राजनीतिक रणनीतियों पर पड़ सकता है।
विपक्ष का आक्रामक रुख
कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह इस मामले में पीछे नहीं हटेगी। पार्टी का इरादा इस घटनाक्रम को पूरे राज्य में जनता के बीच मुद्दा बनाने का है। विपक्षी नेताओं का मानना है कि इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सत्ता पक्ष लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कमजोर करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
आने वाले दिनों में बढ़ सकता है विवाद
चुनाव परिणाम चाहे जो भी हों, लेकिन इस घटनाक्रम ने भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक टकराव को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। जैसे-जैसे मामले में नए खुलासे होंगे, यह विवाद और गहरा सकता है। राजनीतिक पर्यवेक्षक मानते हैं कि इस तरह की घटनाएं न केवल स्थानीय बल्कि प्रदेश स्तर की राजनीति को भी प्रभावित करती हैं, खासकर तब, जब विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू होने वाली हों।
इस पूरे प्रकरण ने उत्तराखंड की सियासत में एक बार फिर गरमाहट ला दी है, और अब निगाहें इस पर हैं कि प्रशासन, अदालत और चुनाव आयोग इस पर क्या रुख अपनाते हैं।