“किसानों की फिर से अपनी मांगों को लेकर दिल्ली मार्च करने की योजना”
9 दिसंबर तक यहां इंटरनेट बंद रखने के आदेश दिये गए

नई दिल्ली:(एजेंसी) किसानों के दिल्ली कूच को लेकर अंबाला में इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई है. 9 दिसंबर तक यहां इंटरनेट बंद रखने के आदेश दिये गए हैं. पंजाब की खनौरी सीमा पर पिछले दस महीनों से डेरा डाले बैठे किसानों का एक ‘जत्था’ आज दिल्ली कूच करने वाला है. खनौरी सीमा पर अनशन पर बैठे किसानों ने हर घर से एक व्यक्ति के पहुंचने का आह्वान किया है. किसानों के कूच को लेकर प्रशासन ने कमर कस ली है. दिल्ली पुलिस ने मार्च से पहले सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार ‘‘दिल्ली पुलिस अलर्ट पर है और सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सिंघू बॉर्डर पर फिलहाल कम संख्या में बलों को तैनात किया गया है,लेकिन पंजाब-हरियाणा सीमा के शंभू बॉर्डर पर स्थिति के अनुसार इसे बढ़ाया जा सकता है।.
शंभू बॉर्डर पर किसान, अंबाला में 9 दिसंबर तक इंटरनेट बंद, क्या है ‘दिल्ली प्लान’, अलर्ट मोड पर पुलिस किसानों की दिल्ली मार्च करने की योजना को लेकर अंबाला में पुलिस ने अलर्ट जारी किया है। सीमा पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। हरियाणा सीमा पर भी बहुस्तरीय बैरिकेडिंग किए जाने के अलावा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया है।
सीमाओं पर कड़ी सुरक्षा
अंबाला के शंभू बॉर्डर पर गुरुवार देर शाम तक पुलिस प्रशासन की उच्चस्तरीय टीम मौजूद रही. इसमें आईजी अंबाला और एसपी अंबाला ने मौके का दौरा किया और सभी सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लिया. दूसरी और हरियाणा के दाता सिंह वाला बार्डर पर सुरक्षा बलों को फिर से सतर्क कर दिया गया. पंजाब के किसानों को ‘दिल्ली कूच’ से रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने रणनीति तैयार कर ली है।
क्या है किसानों का प्लान
शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि 101 किसानों का एक ‘जत्था’ शंभू बॉडर विरोध प्रदर्शन स्थल से आज अपराह्न एक बजे दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू करेगा. पंधेर ने कहा, “मोर्चे को चलते 297 दिन हो गए है और खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन 11वें दिन में प्रवेश कर गया है. आज दोपहर 1 बजे 101 किसान-मजदूर का जत्था शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच करेगा।
गुरु तेग बहादुर ने 6 दिसंबर 1675 को अपना बलिदान दिया था. किसानों के खास जत्थे ने इसलिए दिल्ली कूच के लिए शहीद दिवस का दिन चुना है.101 किसानों के जत्थे की अगुआई सुरजीत सिंह फूल करेंगे.आंदोलन के पीछे संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) है.आंसू गैस से बचने के लिए किसान गीले रुमाल की मदद लेंगे.
उन्होंने कहा कि सरकार क्या करेगी, यह उसे सोचना है. अगर अब भी सरकार उन्हें मार्च निकालने से रोकती है तो यह उनके लिए ‘‘नैतिक जीत” होगी. हम पैदल दिल्ली जाते हैं, तो किसानों को रोकने का कोई कारण नहीं होना चाहिए।’