उत्तराखंड वन विभाग की नई पहल, ‘चाय पर चर्चा’ से बढ़ेगा संवाद और समन्वय
New initiative of Uttarakhand Forest Department, 'Chai par Charcha' will increase communication and coordination

उत्तराखंड वन विभाग ने अपने अधिकारियों के बीच संवाद, सहयोग और समन्वय को बेहतर बनाने के लिए ‘चाय पर चर्चा’ नामक एक अभिनव पहल की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विभागीय कार्यों में पारदर्शिता, सुझावों का आदान-प्रदान और योजनाओं के क्रियान्वयन को अधिक प्रभावी बनाना है।
हर शुक्रवार होगी चर्चा बैठक
‘चाय पर चर्चा’ के तहत हर शुक्रवार को वन विभाग के अधिकारी आपस में बैठकर चाय की चुस्कियों के साथ योजनाओं, चुनौतियों और समाधानों पर खुलकर विचार-विमर्श करेंगे। यह पहल प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) समीर सिन्हा के निर्देशन में शुरू की गई है, और फिलहाल इसे वन मुख्यालय देहरादून में लागू किया गया है।
टीम भावना को मिलेगा बढ़ावा
इस पहल का एक मुख्य उद्देश्य यह है कि अधिकारी एक टीम की भावना से काम करें। विभाग में अक्सर देखा गया है कि आपसी समन्वय की कमी के चलते योजनाओं का अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पाता। अब हर हफ्ते होने वाली यह बैठकें अधिकारियों के बीच बेहतर समझ, सहयोग और विश्वास को मजबूत करेंगी।
अनुभव होगा साझा, योजनाएं होंगी सशक्त
वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के पास वर्षों का अनुभव है। इस मंच के माध्यम से वे अपने अनुभवों को साझा कर सकेंगे, जिससे विभागीय योजनाओं को नई दिशा और मजबूती मिलेगी। इसमें वनाग्नि प्रबंधन, जैव विविधता संरक्षण और ईको-टूरिज्म जैसे विषयों पर भी नई सोच विकसित की जा सकेगी।
नवाचार की संभावना
‘चाय पर चर्चा’ न केवल संवाद का मंच है, बल्कि यह कई नए विचारों और नवाचारों की भी शुरुआत कर सकता है। समूह में हुई चर्चाएं अक्सर ऐसे समाधान प्रस्तुत करती हैं, जो व्यक्तिगत प्रयासों से नहीं निकलते। यह पहल विभाग को अधिक कार्यक्षम और प्रेरक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नए दौर की शुरुआत
उत्तराखंड वन विभाग की यह पहल यह दर्शाती है कि अब प्रशासनिक कार्यों में संवाद, समन्वय और सहभागिता को प्राथमिकता दी जा रही है। ‘चाय पर चर्चा’ के जरिए विभाग न केवल अपने अधिकारियों को सक्रिय रूप से जोड़ रहा है, बल्कि नीति निर्धारण में भी भागीदारी को बढ़ावा दे रहा है।