
गढ़वाल विश्वविद्यालय के उद्यानिकी विभाग और उत्तराखंड उद्यान विभाग ने छात्रों को स्वरोजगार और स्टार्टअप की ओर प्रेरित करने के लिए एक अनूठी पहल शुरू की है। यहां छात्रों को जैम, जेली, जूस, और अचार बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन प्रोडक्ट्स को बाजार में बेचने के लिए उद्यान विभाग मदद कर रहा है, जिससे छात्रों को पढ़ाई के साथ आय अर्जित करने का अवसर मिल रहा है।
छात्रों की नई उड़ान: प्रोडक्ट से बाजार तक
इस प्रशिक्षण में छात्रों द्वारा आंवले का अचार, जूस, जैम, और जेली के अलावा मिक्स वेज अचार, मिर्ची का अचार, और माल्टे का जूस तैयार किया जा रहा है। इन प्रोडक्ट्स को आधुनिक पैकेजिंग के बाद उद्यान विभाग द्वारा बाजार में उतारा जा रहा है, जिससे छात्रों का आत्मविश्वास और व्यावसायिक कौशल बढ़ रहा है।
फूड प्रोसेसिंग में बढ़ते कदम
देवप्रयाग के खाद्य प्रसंस्करण केंद्र के प्रभारी रमेश चंद्र सती ने बीएससी अंतिम वर्ष के छात्रों को बताया कि खाद्य प्रसंस्करण तकनीकों के जरिए जल्दी खराब होने वाले खाद्य पदार्थों को लंबे समय तक संरक्षित किया जा सकता है। इसमें फलों से पेय पदार्थ, अचार, और अन्य खाद्य उत्पाद बनाने की प्रक्रिया शामिल है।
शोध से स्वरोजगार की दिशा
उद्यानिकी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. तेजपाल बिष्ट ने जानकारी दी कि छात्र आंवले और सिट्रस कैंडी बनाने के लिए शोध कर रहे हैं। शोध के सफल होने पर इन उत्पादों का व्यावसायिक उत्पादन भी शुरू किया जाएगा।
छात्रों की राय
शोध छात्रा हिमानी रावत ने कहा, “यह कार्यक्रम छात्रों को फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से जोड़ने का शानदार प्रयास है। इससे छात्रों को प्रैक्टिकल ज्ञान के साथ-साथ रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे।”
इस पहल से छात्रों को न केवल आत्मनिर्भर बनने का मौका मिल रहा है, बल्कि वे भविष्य में रोजगार की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हो रहे हैं। विश्वविद्यालय की यह पहल शिक्षा और स्वरोजगार के बीच संतुलन बनाने की एक मिसाल बन रही है।