Drugs Free Uttarakhand: सीएम धामी ने दिए सख्त निर्देश, स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा पर भी जोर
CM Dhami gave strict instructions, also emphasized on promoting indigenous products

नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता
देहरादून: उत्तराखंड में नशे का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है और खासकर युवाओं में इसकी लत तेजी से गहरी होती जा रही है। इसी गंभीर मुद्दे को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में सीएम ने साफ कहा कि “ड्रग्स फ्री उत्तराखंड” अभियान को और व्यापक बनाया जाए ताकि प्रदेश के भविष्य को नशे के अंधकार से बचाया जा सके।
एनडीपीएस एक्ट के तहत होगी कड़ी कार्रवाई
सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एनडीपीएस एक्ट (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act, 1985) के प्रावधानों का सख्ती से पालन कराया जाए। उन्होंने एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स को और अधिक सशक्त बनाने पर जोर दिया। जरूरत के हिसाब से नए पदों का सृजन करने और अभियानों को जिला स्तर तक पहुंचाने के निर्देश भी दिए गए।
राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर का प्रचार
बैठक में मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन नंबर “मानस-1933” के प्रचार-प्रसार पर विशेष जोर दिया। उनका कहना था कि इस हेल्पलाइन का अधिक से अधिक लोग उपयोग करें ताकि नशे से जुड़े मामलों की शिकायतें तुरंत दर्ज हो सकें। सीएम ने पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज कल्याण विभाग को मिलकर जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित करने का आदेश भी दिया।
बाहरी राज्यों से सप्लाई पर निगरानी
सीएम धामी ने बॉर्डर क्षेत्रों में सख्त निगरानी रखने और बाहरी राज्यों से होने वाली ड्रग्स सप्लाई को रोकने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पुलिस को रात के समय गश्त बढ़ानी होगी और ड्रिंक एंड ड्राइव पर सख्त कार्रवाई करनी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम चलाकर युवाओं को नशे से दूर रखने के प्रयास तेज किए जाएं।
स्वदेशी उत्पादों के इस्तेमाल पर बल
बैठक में सीएम धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “आत्मनिर्भर भारत” की अपील को याद करते हुए प्रदेश में स्वदेशी वस्तुओं के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यक्रमों और आयोजनों में अधिक से अधिक स्वदेशी उत्पादों का प्रयोग किया जाए। इस अभियान की जिम्मेदारी शहरी विकास विभाग को दी गई है, ताकि आम जनता में भी इसका व्यापक प्रचार हो।
ड्रग्स फ्री मिशन की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि उत्तराखंड में 17 फरवरी 2024 को नशा मुक्ति अभियान की शुरुआत की गई थी। यह पहल युवाओं में नशे की लत और बढ़ती तस्करी की घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से की गई थी। भारत सरकार पहले ही “नशा मुक्त भारत अभियान” चला रही है और अब उत्तराखंड सरकार भी इसे जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है।