उत्तराखंड

21 वर्षीय प्रियंका नेगी बनीं उत्तराखंड की सबसे युवा ग्राम प्रधान, सीएम धामी ने दी शुभकामनाएं

21-year-old Priyanka Negi became the youngest village head of Uttarakhand, CM Dhami congratulated her

देहरादून, 1 अगस्त 2025 – उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार युवा नेतृत्व को प्राथमिकता देते हुए ग्रामीणों ने नई पीढ़ी को आगे बढ़ाने का संदेश दिया है। खासतौर पर आदर्श ग्राम सारकोट में 21 वर्षीय प्रियंका नेगी को ग्राम प्रधान चुना जाना न केवल युवाओं के लिए प्रेरणा है, बल्कि लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी माना जा रहा है।

धामी ने फोन पर दी बधाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं प्रियंका नेगी को फोन कर ग्राम प्रधान चुने जाने पर बधाई दी और उन्हें आगामी कार्यों के लिए शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रियंका की जीत न केवल युवाओं की क्षमताओं को रेखांकित करती है, बल्कि ग्रामीण जनता की दूरदृष्टि और बदलाव की इच्छा को भी दर्शाती है।

मुख्यमंत्री ने प्रियंका को देहरादून आने और मुलाकात करने का आमंत्रण भी दिया। उन्होंने कहा कि आदर्श ग्राम सारकोट को उत्तराखंड का मॉडल गांव बनाने की दिशा में सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसमें ग्राम प्रधान की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी।

आदर्श ग्राम सारकोट से शुरू होगी नई पहल

मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया कि सारकोट को राज्य के अन्य गांवों के लिए आदर्श उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। सरकार की योजना है कि राज्य के सभी जिलों के मुख्य विकास अधिकारी (CDO) या उनके प्रतिनिधि दो-दो दिन सारकोट का भ्रमण कर गांव की कार्यशैली और विकास मॉडल को समझें और उसे अपने-अपने क्षेत्रों में लागू करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव में अधिकतर विकास कार्य पूरे हो चुके हैं, अब शेष कार्यों को तेजी से पूर्ण करना होगा। उन्होंने रोजगार, स्वरोजगार और महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने पर भी विशेष बल दिया।

प्रियंका बनीं राज्य की सबसे युवा प्रधान

प्रियंका नेगी की उम्र मात्र 21 वर्ष है, और वे इस बार की पंचायत चुनावों में सबसे कम उम्र की ग्राम प्रधान बनी हैं। उनका गांव सारकोट, चमोली जिले के गैरसैंण विकासखंड में स्थित है, जो उत्तराखंड विधानसभा के भराड़ीसैंण भवन के समीप है। इस बार यह सीट महिला आरक्षित थी, जिससे प्रियंका ने आगे आकर चुनाव लड़ने का साहसिक निर्णय लिया।

गौरतलब है कि प्रियंका के पिता भी दो बार ग्राम प्रधान रह चुके हैं, जिससे उन्हें प्रशासनिक अनुभव और जन सेवा की समझ विरासत में मिली है। लेकिन प्रियंका की अपनी पहचान युवाओं में नई ऊर्जा और सोच के रूप में बन रही है।

युवाओं पर बढ़ा विश्वास, लोकतंत्र को मिला नया आयाम

मुख्यमंत्री धामी ने अपने संदेश में कहा कि ग्रामीणों द्वारा युवाओं को ग्राम पंचायतों की कमान सौंपना इस बात का संकेत है कि अब गांवों में नई सोच और तकनीक की आवश्यकता को पहचाना जा चुका है। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के परिपक्व होने का प्रमाण है, जब गांव के लोग अपनी अगली पीढ़ी को नेतृत्व सौंपने को तैयार हैं।

उन्होंने आगे कहा कि प्रियंका नेगी और उनके जैसे अन्य युवा प्रतिनिधि आने वाले समय में ग्रामीण क्षेत्रों में बदलाव के अग्रदूत बनेंगे। उनकी ऊर्जा, शिक्षा और नई दृष्टिकोण से गांवों में योजनाओं के क्रियान्वयन की गति तेज होगी।

महिलाओं की भागीदारी को मिलेगा बल

प्रियंका की जीत न केवल युवाओं के लिए प्रेरणा है, बल्कि महिला सशक्तिकरण का भी प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मातृशक्ति की शक्ति का उदाहरण है, जब ग्रामीण महिलाएं नेतृत्व की भूमिका में आकर गांवों को आत्मनिर्भर और समृद्ध बना रही हैं।

प्रियंका ने अपनी जीत के बाद कहा कि वह अपने गांव को शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार और स्वच्छता के क्षेत्र में एक आदर्श गांव के रूप में स्थापित करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की शुभकामनाएं और समर्थन से उनका उत्साह दोगुना हो गया है।

 

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