
आयुर्वेद में लौंग का महत्व, पाचन से लेकर रोग प्रतिरोधक क्षमता तक कई बीमारियों में लाभकारी
नई दिल्ली: लौंग न केवल एक खास मसाला है बल्कि इसके औषधीय गुण भी अनगिनत हैं। इसमें यूजेनॉल नामक यौगिक मौजूद होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है। आयुर्वेद के अनुसार, लौंग का सेवन पाचन तंत्र, दांतों, त्वचा और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। भोपाल के आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. राजेश शर्मा बताते हैं कि सही मात्रा में लौंग का सेवन करने से शरीर बीमारियों से दूर रहता है और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। हालांकि, इसके अधिक सेवन से नुकसान भी हो सकता है।
लौंग के अनगिनत स्वास्थ्य लाभ
गठिया और सूजन में राहत: लौंग में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गठिया जैसी बीमारियों में होने वाली सूजन को कम करने में सहायक हैं।
दिल की सेहत के लिए फायदेमंद: यूजेनॉल तत्व हार्ट डिजीज, डायबिटीज और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद करता है।
त्वचा को बनाए सुंदर और जवां: लौंग त्वचा को संक्रमण से बचाने के साथ एलर्जी और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होती है, जिससे त्वचा मुलायम और स्वस्थ बनी रहती है।
दांतों और मसूड़ों की सुरक्षा: रोजाना खाली पेट लौंग खाने से दांतों के संक्रमण, सड़न और मसूड़ों की बीमारियों से बचाव होता है। इसके एंटीबैक्टीरियल गुण दांतों को मजबूत बनाते हैं।
डायबिटीज में मददगार: लौंग का सेवन ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायक होता है और इंसुलिन प्रतिरोध को कम करता है, जिससे डायबिटीज के मरीजों को लाभ मिलता है।
कैंसर के खतरे को करता है कम: लौंग में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद करते हैं, जिससे यह कैंसर जैसी घातक बीमारी के जोखिम को कम कर सकता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है: लौंग में एंटीवायरल गुण होते हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं और बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं।
पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है: लौंग आंतों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है और पाचन क्रिया को सुचारू करती है। यह पेट की समस्याओं में भी राहत देती है।
स्वस्थ जीवनशैली में लौंग को करें शामिल
लौंग के नियमित सेवन से शरीर को बेहतर स्वास्थ्य परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। हालांकि, इसे संतुलित मात्रा में लेना जरूरी है। लौंग को अपने दैनिक आहार में शामिल कर बेहतर स्वास्थ्य और रोगों से बचाव सुनिश्चित किया जा सकता है।