टिहरी के मुख्य शिक्षा अधिकारी एसपी सेमवाल का इस्तीफा, शिक्षा विभाग में हलचल
Tehri's Chief Education Officer SP Semwal resigns, causing commotion in the education department

देहरादून: उत्तराखंड शिक्षा विभाग में मंगलवार को बड़ा घटनाक्रम देखने को मिला जब टिहरी गढ़वाल के मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) एसपी सेमवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने यह कदम विभाग में हो रही लापरवाही और लंबे समय से लंबित प्रमोशन को लेकर नाराज़गी जताते हुए उठाया। इस्तीफा राज्य के शिक्षा सचिव रविनाथ रमन को भेजा गया।
प्रमोशन में देरी से नाराज़
एसपी सेमवाल ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि वे लंबे समय से पदोन्नति के पात्र थे, लेकिन विभाग ने उनकी अनदेखी की। फरवरी 2025 में उनका प्रमोशन अपर निदेशक पद पर होना था, परंतु आठ महीने बीतने के बावजूद उन्हें यह लाभ नहीं मिला। उन्होंने लिखा कि लगातार उपेक्षा और हक न मिलने के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
शिक्षा सचिव को लिखा विस्तृत पत्र
पत्र में सेमवाल ने कहा, “मैं सभी नियमों और अर्हताओं को पूरा करता हूं, बावजूद इसके मेरे प्रमोशन के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। यह मेरे आत्मसम्मान पर चोट है और विभागीय लापरवाही का प्रमाण।” उन्होंने इसे अपनी पेशेवर गरिमा के खिलाफ बताते हुए तत्काल प्रभाव से इस्तीफा सौंप दिया।
शिक्षक आंदोलन के बीच बढ़ी हलचल
सेमवाल का इस्तीफा ऐसे समय आया है जब राज्य में शिक्षक संघ का आंदोलन जारी है। राजकीय शिक्षक संघ से जुड़े 25,000 से अधिक शिक्षक अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर लामबंद हैं। इसमें प्रधानाचार्य पद पर सीधी भर्ती का विरोध, प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू करना और तबादला नीति को लागू करना शामिल है। हाल ही में आंदोलन कर रहे शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री के आवास घेराव की चेतावनी भी दी थी।
विभाग और राजनीतिक गलियारों में सियासी घमासान
इस कदम ने न केवल प्रशासनिक बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। पहले से जारी शिक्षक आंदोलन और अब वरिष्ठ अधिकारी का इस्तीफा सरकार और शिक्षा मंत्री के लिए चुनौती बन सकता है। सूत्रों के अनुसार, इस मुद्दे पर कैबिनेट बैठक में भी चर्चा होने की संभावना है।
सेवाओं का लंबा अनुभव और विभागीय संकेत
एसपी सेमवाल को शिक्षा विभाग में ईमानदार और अनुभवी अधिकारी के रूप में जाना जाता है। उनके कार्यकाल में कई शैक्षिक योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया गया और जिले में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में योगदान रहा। उनका इस्तीफा विभागीय प्रक्रियाओं में खामियों का संकेत है और शिक्षक आंदोलन को और मजबूती दे सकता है।
आगे की राह
अब सबकी नजर राज्य सरकार और शिक्षा विभाग पर है कि वे इस मामले को कैसे संभालते हैं। क्या सरकार सेमवाल के इस्तीफे को स्वीकार करेगी या उन्हें मनाने की कोशिश करेगी, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा। इस घटना ने शिक्षा विभाग के लिए गंभीर चेतावनी दी है और पहले से चल रहे शिक्षक आंदोलन के बीच स्थिति और संवेदनशील बना दी है।