
इंडियन सिनेमा के दिग्गज अभिनेता, निर्देशक, पटकथा लेखक, गीतकार और संपादक मनोज कुमार अब हमारे बीच नहीं रहे। 87 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। देशभक्ति फिल्मों के लिए पहचाने जाने वाले मनोज कुमार का भारतीय सिनेमा में योगदान अविस्मरणीय है। उन्हें उनके प्रशंसकों ने ‘भारत कुमार’ की उपाधि दी थी। मनोज कुमार ने सिनेमा के जरिए देशप्रेम की भावना को जीवंत किया और एक अमूल्य विरासत छोड़कर चले गए।
हरिकृष्ण से बने मनोज कुमार
मनोज कुमार का जन्म 1937 में ब्रिटिश भारत के एबटाबाद (जो अब पाकिस्तान में है) में हुआ था। उनका असली नाम हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी था। भारत की आज़ादी के बाद उनका परिवार दिल्ली आ गया। उन्होंने खुद ही अपना नाम मनोज कुमार रखा क्योंकि वे महान अभिनेता दिलीप कुमार के बड़े प्रशंसक थे। दरअसल, फिल्म ‘शबनम’ में दिलीप कुमार के किरदार ‘मनोज कुमार’ से प्रभावित होकर उन्होंने अपना नाम बदल लिया।
मनोज कुमार से भारत कुमार तक का सफर
मनोज कुमार को ‘भारत कुमार’ का नाम उनके प्रशंसकों ने दिया। उन्होंने अपने करियर में कई देशभक्ति आधारित फिल्मों में काम किया, जिनके गाने आज भी लोगों की जुबान पर हैं। इनमें ‘मेरे देश की धरती सोना उगले’ और ‘भारत का रहने वाला हूं’ जैसे अमर गीत शामिल हैं। उनकी फिल्मों ने देशभक्ति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और सिनेमा के जरिए समाज को प्रेरित किया।
देशभक्ति से भरी मनोज कुमार की मशहूर फिल्में
मनोज कुमार ने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत फिल्म ‘फैशन’ से की, लेकिन उन्हें असली पहचान ‘शहीद’ से मिली, जो देशभक्ति पर आधारित थी। इसके बाद उन्होंने कई यादगार फिल्में कीं, जिनमें शामिल हैं:
- शहीद (1965)
- उपकार (1967)
- पूरब और पश्चिम (1970)
- रोटी, कपड़ा और मकान (1974)
- क्रांति (1981)
मनोज कुमार: एक सफल निर्देशक
मनोज कुमार न केवल एक शानदार अभिनेता थे, बल्कि उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों का निर्देशन भी किया। उनके निर्देशन में बनी प्रमुख फिल्में हैं:
- उपकार (1967)
- पूरब और पश्चिम (1970)
- शोर (1972)
- रोटी, कपड़ा और मकान (1974)
- क्रांति (1981)
- क्लर्क (1989)
- जय हिंद (1999)
उनकी आखिरी फिल्म ‘मैदान-ए-जंग’ 1995 में रिलीज हुई थी।
मनोज कुमार को मिले प्रतिष्ठित सम्मान
भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें कई बड़े पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें शामिल हैं:
- पद्म श्री (1992) – भारत सरकार द्वारा
- राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (1968) – फिल्म ‘उपकार’ के लिए
- दादा साहेब फाल्के अवार्ड (2016) – भारतीय सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान के लिए
- 7 फिल्मफेयर अवॉर्ड्स – विभिन्न श्रेणियों में
भारतीय सिनेमा में अमर रहेंगे मनोज कुमार
मनोज कुमार ने अपने अनमोल सिनेमा के माध्यम से देशभक्ति और समाजसेवा का संदेश दिया। उनके द्वारा बनाई गई फिल्में और गाने आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेंगी। भारतीय सिनेमा हमेशा उनका ऋणी रहेगा और उनकी विरासत को कलाकार आगे बढ़ाते रहेंगे।